रीडर टाइम्स डेस्क
प्रदेश में कोरोना से युद्ध स्तर पर संघर्ष चल रहा है. आम जनता के सेवा करने के लिए प्रदेश कि पुलिस जी जान लगाए दे रही है. प्रदेश के कोने कोने में एक कॉल पर ज़रूरी सुविधाएं और राशन पहुँचाने के लिए पुलिस चौबीसों घंटे बिना रुके काम कर रही है , लेकिन इसी बीच खबरे आ रही हैं कि कई लोगों ने राशन लेते वक़्त फोटो खींचे जाने पर राशन लेने से इंकार कर दिया और आपत्ति जताई, क्यूंकि इससे पहले ऐसी कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं, जिससे निजी रूप से कई लोग परेशान हुए हैं.
इसी विषय को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने कहा है कि पुलिस की गाड़ियों (पीआरवी) में तैनात पुलिसकर्मी कोविड-19 लॉकडाउन में फंसे लोगो को राहत सामग्री बांटते समय उनकी फोटो न खींचे।एडीजी अरुण ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अभी तक 112 नंबर पर फोन आने के बाद करीब 91 हजार लोगों को भोजन, दवाई आदि पीआरवी के सिपाहियों द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके अलावा हजारों लोगो को बिना फोन काल के भी मदद की जा रही है और यह सिलसिला लगातार जारी है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में करीब 1100 महिला और पुरूष पुलिस कर्मी कॉल सेंटर में इमर्जेंसी सेवाओं के 112 नंबर पर आई फोन काल रिसीव करते है जबकि पूरे प्रदेश में 35 हजार पीआरवी (पुलिस की गाडि़यों) पर हजारों जवान चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं जो लोगों को ज़रूरी सुविधाएं और आवश्यक सामग्री घर घर पहुँचाने का काम रहे हैं . प्रदेश में कई जगहों पर संस्थाओं द्वारा तैयार किये जा रहे भोजन को भी पुलिस आम जनता तक पहुंचा रही है. इस समय पुलिस पर दबाव कई गुना बढ़ा हुआ है क्यूंकि रोज़ के काम काज के साथ इस अतिरिक्त कार्यभार को निभाना कोई आसान कार्य नहीं है .