ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज
रीडर टाइम्स
- • अध्यापक ने चिकित्सकों व वैज्ञानिको को कोरोना वैक्सीन का परीक्षण करने के लिए अपना शरीर उपलब्ध करवाने हेतु चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
जयपुर :कोरोना नामक वैश्विक महामारी से जहां भारत सहित पूरा विश्व झूम रहा है वहीं इस बीमारी से निपटने के देश के चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिकों द्वारा निरन्तर शोध किए जा रहे हैं ।इस दौरान वैज्ञानिको को कोरोना महामारी के उपचार के लिए बनाई गई वैक्सीन के मानव शरीर पर परीक्षण की आवश्यकता होगी ।इस स्थिति में मानव शरीर की उपलब्धता पर वैज्ञानिकों व सरकार की चिंताओ को दूर करते हुए राजस्थान के अजमेर जिले के केकड़ी ब्लॉक में राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय में कार्यरत एक अध्यापक दिनेश वैष्णव ने कोरोना वैक्सीन के परीक्षण हेतु अपना शरीर उपलब्ध कराने की घोषणा कर देश और समाज के सामने एक अतुलनीय व अनुपम उदाहरण पेश किया है ।
साथ ही चिकित्सा मंत्री को संबोधित पत्र में अध्यापक दिनेश ने लिखा है कि” उनका यह सौभाग्य है कि वे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के विधानसभा क्षेत्र के केकड़ी के निवासी है औऱ उन्हें यह पहल करने का सुअवसर मिला है ।अध्यापक ने कहा है कि यदि उनके शरीर पर कोविड 19 नामक वायरस से निपटने के लिए बनाई गई दवाई का प्रयोग सफल होता है तो देश ,प्रदेश व सम्पूर्ण विश्व मे चिकित्सक विश्व मे इस तरह की महामारी से करोड़ों लोंगो की जान बचा सके ।उन्होंने कहा कि करोडों लोगों की जान बचाने के लिए यदि उनके शरीर पर कोरोना से बचाव के लिए बनाई गई दवा का प्रयोग होता है तो उन्हें प्रसन्नता होगी ।उन्होंने यह कहकर भी सम्पूर्ण राजस्थानियों का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है कि “राजस्थानी किसी से कम नही है देश व प्रदेश की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।” इस प्रकार अध्यापक दिनेश वैष्णव ने महर्षि दधीचि के रूप में करोड़ों भारतीयों की जान बचाने हेतु अपना शरीर देंने का कहा है।पुराणों के अनुसार महर्षि दधीचि ने देवताओं की असुरों से रक्षा के लिए अपना शरीर दान कर दिया था ।उनके शरीर की अस्थियों से वज्र नामक अस्त्र बनाकर देवताओं ने असुरों का संहार किया गया था ।उसी प्रकार अध्यापक दिनेश वैष्णव ने मानव जाति की रक्षार्थ अपना शरीर देने का संकल्प कर देवताओं व ऋषियों के समान कार्य किया है जिससे सम्पूर्ण समाज उन पर गर्व कर रहा है।