‘केजीएमयू अब आयुर्वैदिक दवाओं से देगा कोरोना को मात,

संवाददाता मार्कण्डेय शुक्ला

रीडर टाइम्स

 

  • आयुष मंत्रालय ने केजीएमयू को आयुर्वैदिक इलाज सम्बंधित गाइडलाइन भेजी.

  • दिल्ली में आयुर्वेद से कोरोना को मात देने में सफलता मिली.

  • प्रदेश सरकार मई के अंत तक 1 लाख कोरोना बेड तैयार करेगी.

 

केजीएमयू  पूरे प्रदेश में नहीं अपितु पूरे देश में कोरोना से लड़ने में एक अग्रणी स्वास्थ संस्थान के रूप में पहचाना जा रहा है. जहाँ पहले केजीएमयू ने एक के बाद एक कई कीर्तिमान स्थापित किये है जिसमें कोरोना का बेहतर इलाज़, प्लाज्मा थेरेपी और उसके बाद सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस घोषित होना वहीँ अब केजीएमयू को आयुर्वैदिक पद्दति के द्वारा इलाज़ करने के आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन भेजी है,यह जानकारी केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने दी, जिसके तहत अब इलाज़ किया जाएगा।

भारतीय संस्कृति , योग और आयुर्वेद का लोहा आज पूरा संसार मान रहा है. आयुर्वेद में तमाम ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिनके प्रयोग से मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही बड़े से बड़े रोग का भी जड़ से समूल नाश किया जा सकता है। आरोग्य भारती की ओर से ऑनलाइन सेमीनार हुआ। इसमें में देश भर के विभिन्न पद्धति के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के इलाज पर अपने विचार रखे। कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन को मंजूरी के लिए ऐथिकल कमेटी में ले जाया जाएगा। उसके बाद गाइड लाइन के हिसाब से विशेषज्ञ की मदद से कोरोना मरीजों को जरूरत के हिसाब से आयुर्वेदिक दवाएं दी जाएंगी।

दिल्ली स्थित चौधरी ब्रह्मप्रकाश चरक आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक डॉ. विदुला गुज्जरवार ने कहा कि सरकार के सहयोग से संस्थान में 114 कोरोना मरीजों को आयुर्वेद दवाओं से इलाज मुहैया कराया जा रहा है, इलाज़ के बाद 14 मरीज़ कोरोना को मात दे चुके हैं, उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है और अन्य सभी मरीजों पर भी दवा अच्छे से काम कर रही है और उनकी हालत में सुधार है. मुख्या रूप से जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है उनमें शंसमनी वटी, नागरादि कषाय व आमलकी चूर्ण प्रमुख है, अन्य दवाएं भी दी जा रही हैं ।

 प्रवासी मजदूरों की प्रदेश वापसी से सरकार फ्रंट फुट पर 

प्रदेश में कोरोना के पहले मरीज़ आने के बाद से ही प्रदेश सरकार पूरी मुस्तैदी से फ्रंट फुट पर कोरोना से जंग लड़ने की अपनी तैयारियों में जुट गयी थी. प्रदेश बहुत ही जल्दी 5000 टेस्ट प्रतिदिन करने वालें राज्यों में पहुँच गया था, मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में 26 टेस्टिंग सेंटरों में कोरोना टेस्टिंग चल रही है और अब रिपोर्ट मात्र 12 घंटों में आ जाती है, जिससे नए मरीजों को चिन्हित करने और समय से उनका इलाज़ करना संभव हो सका है. प्रदेश में पलायन कर आ रहे मजदूरों कि सुरक्षा के मद्देनज़र सरकार पहले से ही सजग है ।अब तक लाखों मजदूर प्रदेश वापस आ चुके हैं और आने वाले दिनों में कई लाख मजदूर वापास आ रहा है जिसकी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार लगातार रणनीति सरकार बना रही है ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि तीनों श्रेणियों के  कोविड अस्पतालों में 20 मई, 2020 तक 25,000 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि माह के अन्त तक कोविड अस्पतालों में 01 लाख बेड उपलब्ध हो जाएं। योगी ने अधिकारीयों को सचेत किया कि आगामी 10 दिनों में बाहर से प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार/श्रमिक भी आएंगे। इसलिए हर स्तर पर विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते हुए पूरी जवाबदेही के साथ कार्य किया जाए।