संवाददाता मार्कण्डेय शुक्ला
रीडर टाइम्स
-
पीएम भी कह चुके हैं कि कोरोना से बचाव के लिए बढ़ानी होगी इम्युनिटी .
-
वैद्यों के मुताबिक काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने में है कारगर.
-
केजीएमयू में कोरोना का आयुर्वैदिक दवाओं से होगा इलाज़.
प्रदेश में प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी से एक बार फिर कोरोना का मीटर बढ़ने लगा है. लॉकडाउन में लगातार बढ़ रही छूटों से सार्वजनिक जगहों पर भीड़ बढती जा रही है और कही न कहीं कोरोना का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. धीमे-धीमे देश के बड़े डॉक्टरों से लेकर सरकार के बड़े नेता भी कहते नज़र आ रहे हैं कि कोरोना जल्दी जाने वाला नहीं, अब हमे इसी से साथ सावधानीपूर्वक रहना सीखना पड़ेगा.ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुके हैं कि कोरोना से जंग जीतने के लिए हमें अपनी इम्युनिटी बढ़ानी होगी, ताकि हम कोरोना ही नहीं किसी भी बीमारी की जद में ना आयें.
केजीएमयू लखनऊ में अब कोरोना वायरस के मरीजों का आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करने की तैयारी की जा रही है। पर कई आयुर्वेदिक वैद्यों को मानना है कि कोरोना से अगर बचना है तो पीजिए आयुर्वेदिक काढ़ा। वैद्यों के मुताबिक यह काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने में है कारगर, और इसे आराम से घर में भी बना सकते हैं।
आयुर्वैदिक दवाई की एक बड़ी कम्पनी के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने बताया कि, ‘आयुर्वेद में विस्तार रूप से लिखा है कि महामारी क्यों आती है और इलाज कैसे होगा। कोरोना वायरस को तभी हराया जा सकता है जब इंसान की इम्युनिटी मजबूत हो।’ डॉक्टर चौहान ने बताया इन दिनों घर में आयुष काढ़ा काफी मशहूर हो रहा है। लगभग बहुत सारे लोग इस काढ़े का सेवन कर रहे हैं, खास बात ये है कि इसे बनाने का तरीका काफी आसान है।
• आयुष काढ़ा बनाने कि विधि
डॉक्टर चौहान ने बताया कि एक कप आयुष काढ़ा बनाने के लिए एक कप पानी में चार तुलसी के पत्ते, दो काली मिर्च, अदरक, दालचीनी और मुनक्का डालकर पानी को उबाल लें। इसे मीठा करने के लिए इसमें गुड़ या शहद भी डालें। इसे दिन में दो बार पीने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा हल्दी दूध का भी सेवन करें। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने की सलाह दी है।
केजीएमयू कुलपति डॉ एमएलबी भी बता चुके हैं कि केजीएमयू में अब कोरोना वायरस के मरीजों को इलाज आयुर्वेदिक दवाओं करने की तैयारी की जा रही है। आयुष मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइन भेजी है। एथिकल कमेटी की मंजूरी के बाद नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। आयुर्वेदिक दवाओं में ज्यादातर इम्युनिटी बढ़ाने की दवाएं होंगी।