ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज
रीडर टाइम्स
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब तीन दशक के बाद फिर से टिड्डियों के लगातार आक्रमण शुरू होने से यह जरूरी हो गया है कि प्रदेश में टिड्डी चेतावनी संगठन को और अधिक मजबूत बनाया जाए। उन्होंने कहा कि टिड्डियों के प्रकोप के कारण बीते साल भी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था। इस साल पहले की अपेक्षा टिड्डियों का आक्रमण अधिक तीव्र होने की आशंका है। ऎसे में हमें पूरी मुस्तैदी से इस चुनौती का सामना करना पड़ेगा। गहलोत शुक्रवार को टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों,टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा कर रहे थे।उन्होंने कहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी इस मामले पर ध्यान आकर्षित किया गया था।चूंकि टिड्डी चेतावनी संगठन का कार्य केन्द्र के अधीन है ऎसे में केन्द्र सरकार इसे और अधिक मजबूत करे तथा आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार टिडडी का आक्रमण बदले रूप में सामने आया है। टिड्डियां के कुछ दल सीमावर्ती जिलों से अजमेर, जयपुर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर सहित अन्य जिलों में पहुंच गए हैं। हमें इन्हें नियंत्रित करने के लिए नए तौर-तरीकों से काम करना होगा। पिछले साल जब टिड्डी आक्रमण हुआ था तब टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ ही कृषि विभाग और हमारे किसानो ने अच्छा काम किया था। इस बार भी हमें पूरी जागरूकता के साथ प्रयास करने होंगे।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रदेश मंर पाकिस्तानी सीमा से प्रवेश के बाद टिड्डियों के छोटे समूह अन्य जिलों में भी पहुंच गए हैं। इनसे करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि इस समय पश्चिम राजस्थान के जिलों में फसलों का समय नहीं होने से किसानों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पेस्टीसाइड्स उपलब्ध है।राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि अफ्रीकन देशों में टिड्डियों का अत्यधिक प्रजनन हो रहा है। बड़ी संख्या में इन दलों के प्रदेश में पहुंचने की आशंका है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के साथ-साथ टिड्डी नियंत्रण के लिए जनसहभागिता जरूरी है।कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में पहली बार टिडडी का प्रवेश हुआ है। सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां अभी जायद की फसलें हो रही हैं। ऎसे में इन फसलों को नुकसान की संभावना है।कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि टिड़ियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 115 वाहनों, 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर एवं 3 हजार 200 ट्रैक्टर मय पानी के टेंकर की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वाहन किराए पर लेकर टिड़ियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पेस्टीसाइड्स उपलब्ध कराया जा रहा है।
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि टिड्डियों पर रात्रि में नियंत्रण करना आसान है। इस कारण नियंत्रण कार्य में लगे कार्मिक रात्रि के समय पूरी मुस्तैदी से इस कार्य में जुटे हैं।आपदा प्रबंधन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि टिड्डियों के हमले के कारण फसलों में हुए खराबे की सूचना संबंधित कलेक्टर विभाग को पहुंचाएं ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके। बाड़मेर, जोधपुर, गंगानगर, जालौर, जैसलमेर, अजमेर आदि जिलों के कलक्टरों ने अपने-अपने जिलों में टिड्डी नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्या की जानकारी दी।
इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।