ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज
रीडर टाइम्स न्यूज़
जयपुर : कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान शिक्षण संस्थान बन्द रहने के बाद भी स्कूलों द्वारा अभी तक फीस माफ न किए जाने व निजी स्कूलों की मनमानी व अभिभावकों के प्रति उदासीनता रखने एवं राजस्थान सरकार की तानाशाही शिक्षा नीतियों के विरोध मे राजस्थान अभिभावक संघ व अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शुक्रवार दोपहर पिंकसिटी प्रेस क्लब जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया ।इस दौरान विभिन्न सन्गठन के प्रतिनिधियों ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा कि देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और इसे मिटाने के लिए अथक प्रयासरत है ।अधिकतर लोग घरों से ही कार्य कर रहे है, सोशल डिस्टेंसिग की पालना कर रहे है तथा अतिआवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे है।ऐसे विपत्ति काल मे राजस्थान सरकार , विद्यार्थियों व अभिभावकों के साथ दोहरे मापदंड अपना कर भेदभाव कर रही है |जहां एक ओर सोशल डिस्टेंसिग की पालना की बात हो रही है वहीं दूसरी तरफ परीक्षाएं करवाई जा रही है| तथा विद्यार्थियों पर सियासत की जा रही है । इन सन्गठनो ने कहा कि लॉकडाउन की प्रक्रिया जब 22 मार्च से शुरू हो गई थी, शिक्षण संस्थान बन्द पड़े है व उनके बिजली की बिल व मेंटीनेंस चार्ज नही लग रहा है तथा शिक्षकों को वेतन आधा दिया जा रहा है परन्तु इन सब के बावजूद विधार्थियों से फीस पूरी ली जा रही है जो कि उचित नही है व इस महामारी के दौरान भी कई शिक्षण संस्थानों ने फीस में बढ़ोतरी कर दी जो कि मानवता को शर्मसार करने वाला कदम है ,हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते है ।
इन सन्गठनो का कहना था | कि अनुदानित जमीनों पर खुले शिक्षण संस्थानों द्वारा मनमानी की जा रही है |व ऑनलाइन क्लासों के नाम से अवैध फीस वसूली की जा रही है ।जहाँ एक ओर इस महामारी के दौरान बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई ,कई बेरोजगार हो गए व व्यवसाय की भी हालत खस्ता है,लोगों को घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,ऐसे में इन कठिन परिस्थितियों में भी राजस्थान सरकार ने अपने राजनैतिक फायदे को देखते हुए अभिभावकों की समस्या को नजरअंदाज कर अड़ियल रवैया अपना रखा है जो कि सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर भी बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खेला जा रहा है,दिनभर मोबाइल कम्प्यूटर के सामने बच्चों का बैठे रहना कई तरह की बीमारियों को न्यौता दे रहा है साथ ही जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उनके लिए मैंटल स्ट्रेस का कारण भी बन रहा है इसलिए तुरन्त प्रभाव से ऑनलाइन क्लासो को बन्द किया जाए व नौंवी से बारहवीं की क्लास यथावत चलाई जाए ।
इस दौरान राजस्थान अभिभावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील शर्मा ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों ने शिक्षा के नाम पर लूटपाट मचा रखी है ,शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है । अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जोशी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हुए कहा कि जब शिक्षण संस्थान चल ही नही रहे तो फीस किस बात की ली जा रही है|ब्राह्मण महासंघ क संस्थापक ईशान शर्मा ने कहा कि सच और तथ्यों से आंखे मूंदकर देश व राज्य नहीं चला करते है।इंटरनेशनल गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद गुर्जर ने वर्तमान में शिक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इन्होने शिक्षा पद्धति को तोड़ कर दिया है सरकार भी अभिभावकों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है व संवेदनशील नहीं है और प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है जबकि शिक्षा का सरेआम व्यवसायीकरण किया जा रहा है ।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की पदाधिकारी आशिफ़ा ने सरकार को चेताया कि इस समय आमजनता त्राहिमाम कर रही है,अभिभावक परेशान हो रहे है बेरोजगारी बढ़ रही है तो स्कूलों के द्वारा बच्चों की फीस की मांग करना तक कहाँ तक उचित है |इसलिए सरकार और प्रशासन को इस विषय में ध्यान देना चाहिए ।यदि सरकार और प्रशासन द्वारा अभिभावकों की समस्याओं पर ध्यान नही दिया जाता है| तो उग्र आंदोलन होगा ।हिमालय परिवार की डॉ.आयुषी शर्मा ने कहा कि सरकार स्कूली छात्र व कॉलेज छात्रों के जीवन की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न करें ।कई राज्यों में फीस माफी को लेकर अभिभावकों को बड़ी राहत दी जा रही है | तो राजस्थान में क्यों नहीं|ब्राह्मण युवा क्रांति मंच के प्रदेशाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के द्वारा आम जनता को लूटा जा रहा है अतः सरकार को इस विषय मे शीघ्र निर्णय कर अभिभावकों की समस्या का समाधान करना चाहिए ।इसके अलावा कई सामाजिक सन्गठनों राष्ट्रीय नव निर्माण सेना, हमारा भारत मंच, एकता नवयुवक मंडल, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना,सर्व समाज संघर्ष समिति, ब्राह्मण परमार्थ सेवा,पूर्व सैनिक सेवा परिषद, राजस्थान युवा जागृति मंच ने भी अभिभावकों के हित के सम्बंध में सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अभिभावकों की समस्या का शीघ्र समाधान करने को कहा है।