कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए धर्म और शास्त्र के कुछ नियम

 

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

पूरी दुनिया एक साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रही हैं। रोजाना कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों कि संख्या बढ़ती ही जा रही हैं। इस महामारी से दुनिया कि आर्थिक ढाचा हिल सा गया हैं। कई देश कोरोना वायरस का इलाज खोजने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी को कोई भी सफलता नहीं मिल पाई हैं। और इस बीच कोरोना कि रोक के लिए बहुत से नियम और कायदे कानून बनाये गए हैं। और उनका पालन भी किया जा रहा हैं। जिससे लोगो को एक दूसरे के प्रति सामाजिक दुरी बना कर चलना और मुँह पर मास्क लगाए रहने के लिए जागरूक किया जा रहा हैं।

“हिन्दू धर्म शास्त्रों और वैदिक परम्पराओ में आज से हजारो वर्ष पहले से ही इन सब प्रकार के संक्रमण और बीमारियों से बचने के लिए ऋषि मुनियो ने कुछ उपाए किये थे। जिसका पालन आज पूरी दुनिया कर रही हैं। और आपको बताते चले कि वैदिक परम्परा के अनुसार आज कि दुनिया कैसे इन सब नियमो का पालन कर रही हैं।”

> कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैदिक उपाए

•  किसी भी व्यक्ति को नाक , मुँह ,सर को ठीक तरह कपड़े से ठक कर मल मूत्र का त्याग करना चाहिए।

और कभी भी कोशिश करके किसी दूसरे व्यक्ति के कपड़े न पहने।

•  स्नान व् शुद्ध विचार करके के ही कोई कार्य करे, वरना सभी कार्य निष्फल हो जाते हैं।

•  वैसे तो कोशिश कर के हर व्यक्ति को काम के हिसाब से ही कपड़े पहनने चाहिए। पर कोरोना में तो बहुत ज्यादा जरुरी हैं। इसलिए सोते समय ,घूमने जाने ,और पूजा करने से पहले अलग अलग कपड़े धारण करे।

•  पहने हुए वस्त्रो को दुबारा पहनने से पहले उसे धो लेना चाहिए।

•  और ज्यादातर लोगो को गर्मी के मौसम में गीले कपड़े पहनने का भी शौक रहता हैं। पर ऐसा बिलकुल भी न करे।

  हमेशा हाथ और पैर धो कर ही भोजन करना चाहिए।

•  और बिना वजह अपनी नाक ,और कान ,मुँह पर हाथ मत लगाए।