Home अद्धयात्म भूमिपूजन में सम्बोधन के जरिये पांच प्रमुख बिंदु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भूमिपूजन में सम्बोधन के जरिये पांच प्रमुख बिंदु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Aug 05, 2020
शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आज श्री राम भक्तो का इंतजार खत्म हुआ। पीएम मोदी ने कहा की , अयोध्या में बनने वाला श्री राम का भव्य मंदिर सभी भारतवासिओ की आस्था का प्रतिक हैं। भूमि पूजा संपन्न होने के बाद १३० करोड़ लोगो का सपना आज हकीकत में बदल गया हैं। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में बहुत सी बाते कही ,उन्होंने अपने सम्बोधन की शुरुआत ,” जय सिया राम ” नाम से करि। पीएम मोदी ने कहा की उनका सौभाग्य हैं की श्री राम जन्मभूमि के क्षेत्र के ट्रस्ट ने उन्हें इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। और जिसके लिए पीएम मोदी ने ट्रस्ट का आभार भी व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा की श्री राम हम सब ह्रदय में निवास करते हैं। और कोई भी शुभ कार्य करने के लिए हम भगवान् श्री राम को ओर देखते हैं।
• सम्बोधन की कुछ मुख्य बाते
> पीएम मोदी ने कहा की , भारत के बाहर कई देशो मे वह की स्थानीय भाषा में रामकथा का प्रचलन अधिक प्रचलित हैं। श्री राम सभी के हैं ओर सभी के मन में हैं। पीएम मोदी ने कहा की ,राम मंदिर काम का निर्माण होने से करोड़ो लोगो में ख़ुशी का उल्लास हैं। और यहां भव्य राम मंदिर भारतीय संस्कृति समृद्ध विरासत का घोतक होगा व अनंतकाल तक पूरी मानवता को एक प्रेरणा देगा।
> भारत की आस्था में राम , दर्शन में राम , राम भारत की आत्मा हैं। भगवान् राम की अध्भुत शक्तियां देखिये इमारते ख़त्म हो गई , कितने कुछ प्रयास हुए अस्तित्व को मिटने के लिए ,लेकिन आज भी राम हमारे मन में बसे हैं। देश की संस्कृति के आधार हैं|
> राम का मंदिर हमारी संस्कृति का एक आधुनिक व राष्ट्रीय भाषा का भी प्रतिक बनेगा और यहां मंदिर करोड़ो लोगो को सामूहिक शक्ति प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने कहा की ,मुझे विश्वास हैं हम सब आगे बढ़ेंगे , देश भी आगे बढ़ेगा श्री राम भगवान का यहां पवित्र मंदिर युगो युगो तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा। और साथ ही सही मार्ग दर्शन कराता रहेगा। आज का दिन सत्य ,अहिंसा ,आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अच्छी भेट हैं।
> हमें सही तरीके से ध्यान रखना होगा की, जब कभी भी मानवता ने राम को माना हैं और जब जब हम सभी अपने मार्ग से भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं। और हमे सभी की भावनाओ को ध्यान में जरूर रखना हैं। और संकल्पशक्ति व आत्मनिर्भर से भारत को निर्माण करना हैं।