विभागीय साठगांठ से कॅरोना उपकरण की खरीद में भ्रष्टाचार

                                                              मुख्यमंत्री कोविड 19 से निपटेंगे या भ्रष्टाचार से बड़ा सवाल

रिपोर्ट:- संवाददाता (शरद द्विवेदी)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड 19 से निपटने में लिए अपना खजाना खोल दिया है लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले इस कॅरोना काल मे भी नही चुके रहे है और यह सारा खेल विभागीय साठगांठ से खेले जाने की तैयारी पूरी की जा चुकी है और इस पूरे खेल में ए0डी0ओ0पंचायत व ग्राम प्रधान की अहम भूमिका है।या यूं कहें कि इस पूरे खेल में सबकी हिस्सेदारी तय हो चुकी है।इस बार के ठोस सबूत रीडर टाइम्स न्यूज़ एजेंसी के पास मौजूद है। हरदोई जिले के सभी ब्लाकों के ए0डी0पंचायत ने सभी सिकरेट्री को थर्मल स्केनर,व पल्स आक्सोमीटर, आशा बहुओं को व दवा छिड़कने के लिए मशीन व दवा सफाई कर्मचारियों को अपनी अपनी संबंधित ग्राम पंचायतों में मुहैया कराने के लिए वितरित की गई थी।

 

लेकिन विभागीय साठगांठ से व विभागीय कर्मचारियों की मदद से तय कीमत से ज्यादा की जी0एस0टी0इनवॉइस बिल/कोटेशन संबंधित फर्मो द्वारा काटे जा चुके है और सबसे बड़ी एक और बात जो सामने आई है कि इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए लखनऊ तक कि फर्मो को शामिल किया गया है और सबसे ज्यादा बिल लखनऊ की कंपनी वी0के0फार्मेटिकल्स का है |

 

अगर विभाग यही संबंधित उपकरण ऑन लाइन खरीद करता तो आई0आर0थर्मामीटर एक हजार रुपये का व पल्स आक्सो मीटर चार सौ रुपये में मतलब दोनों उपकरण लगभग 1500 रुपये में आसानी से उपलब्ध हो जाता।लेकिन संबंधित विभाग ने ऐसा नही किया। न्यू सिंह इंटरप्राइजेज नघेता रोड हरदोई द्वारा जो इनवॉइस काटी गई है वह 5150 रुपए की है, *वी0के0फार्मेटिकल्स गोमती नगर लखनऊ द्वारा 6000 रुपये की,व दवा छिड़कने की जो मशीन सफाई कर्मियों को उपलब्ध कराई गई है उसकी टैक्स इनवॉइस *शुभम इंटरप्राइजेज सांडी रोड सरवन देवी मंदिर द्वारा 1910 रुपये की काटी गई है जब कि यह मशीन खुलेआम तौर पर 1000-1200 रुपये के आसपास आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

 

जब इस बारे में डी0पी0आर0ओ0महोदय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रकरण की जानकारी करके आप को अवगत कराया जाएगा व बड़े हुए बिल का पेमेंट नही किया जाएगा।उसके बाद से डी0पी0आर0ओ0 महोदय का कई बार फोन मिलाने पर फोन रिसीव नही हुआ।अहिरोरी ए0डी0ओ0पंचायत अरविंद कुमार बिल्कुल भी इस प्रकरण पर गंभीर नही दिखाई दिए व जब उनसे पूछा गया कि कौन फर्म सप्लाई कर रही है तो उन्होंने बाला जी ट्रेडर्स का नाम बता दिया व सप्लाई करने वाली फर्मो के नाम छुपा ले गए।जब कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो जानकारी ए0डी0ओ0पंचायत ने दी है वह जानकारी गलत है।

 

डी0पी0आर0ओ0महोदय को भ्रष्टाचार की जानकारी हो जाने के बाद भी न्यूज़ एजेंसी को अवगत न कराना व ए0डी0ओ0पंचायत अहिरोरी द्वारा गलत जानकारी देना बहुत से सवाल खड़े करती है।आखिर किसकी शह पर समस्त ग्राम पंचायत इन्ही फर्मो से उपकरण की खरीद कर रही है।और क्या कारण है जो बड़े हुए बिल पर पूरा महकमा शांत है।प्रकरण की शिकायत की जा चुकी है अब देखना यह है नए जिलाधिकारी महोदय क्या कार्यवाही इस भ्रष्टाचार पर करते है और जो बिल संबंधित फर्मो द्वारा तय कीमत से ज्यादा के काटे गए है उनका भुगतान किया जाएगा या नही।