सवायजपुर विधायक व उनके परिवार पर सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर हुई बड़ी कार्यवाही
Nov 18, 2020
रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
हरदोई / यह प्रकरण बेहद ही शर्मिंदा करने वाला है और साथ – साथ योगी सरकार के उस नारे के मुह पर तमाचा भी है जब सत्ता में आने से पहले भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश का नारा दिया गया था। आप लोगो के संज्ञान में यह भी लाना है। कि यह तमाचा किसी और ने नही मारा यह तमाचा सवायजपुर के विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह व उनकी पत्नी शैलजा सिंह व विधायक के सगे भाई धीरेंद्र पाल सिंह व उनकी पत्नी ने मारा है। और सत्ता की हनक देखिए जिस उपजिलाधिकारी सवायजपुर मनोज कुमार सागर ने सत्ता के विधायक व उनके परिवार पर अवैध निर्माण को लेकर दिनांक 04/09/02020 से लेकर दिनांक 11/09/2020 तक जो कार्यवाही की थी। उस कार्यवाही से नाराज होकर सत्ताधारी विधायक ने मनोज कुमार सागर को भ्रष्ट बताते हुए। दिनांक 16/09/2020 को उनका ट्रांसफर करवा दिया। जब इस कार्यवाही के सम्बंध में पूर्व उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सागर से बात की गई तो उन्होंने बताता की दरअसल अभी तक विधायक जी अपने मन का उपजिलाधिकारी , तहसीलदार, व आर० के० अपने मन का रखते थे। जिस कारण वह अपनी मनमानी कर सके मैंने अपने कार्यकाल में वही किया जो न्यायपूर्ण था।
दरअसल तत्कालीन लेखपाल सतेंद्र द्वारा एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। जिसमे अवगत कराया गया था। कि गन्ना कृषक महाविद्यालय जिसकी प्रवन्धक भाजपा विधायक के सगे भाई की पत्नी अंजू सिंह है ने भूखंड संख्या 318 व 319 सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण करा लिया है लेखपाल को रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए गन्ना कृषक महाविद्यालय प्रवन्धक अंजू सिंह पर 672000,व 302400 रुपये की जुर्माने की नोटिस दिनाक 11/09/2020 को भेजी गई व दिनांक 24/09/2020 तक जुर्माने की राशि व अवैध निर्माण करने का कारण बताने की समय सीमा तय की गई।मेरे द्वारा की गई न्यायपूर्ण कार्यवाही सत्ताधारी विधायक को नागवार गुजरी जिस कारण मुझे सवायजपुर से हटाया गया क्यो की मेरे द्वारा जो अग्रिम कार्यवाही की जा रही थी वह विधायक व उनके परिवार पर एंटी भू माफिया के तहत एफआईआर दर्ज करवाने की की जा रही थी। जिस कारण अपने कृत्यों को छुपाने के लिए मेरा तबादला किया गया। पूर्व उपजिलाधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर जब वर्तमान सवायजपुर के राजस्व विभाग में अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने अबगत कराया कि जो जुर्माना लगाया गया था उसके संबंध में गन्ना कृषक महाविद्यालय के अधिवक्ता द्वारा लिखित रूप से अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा कोई भी अवैध निर्माण नही कराया गया है |
मामला मे सुनवाई हेतु अगली तारीख लगा दी गई है गन्ना कृषक महाविद्यालय द्वारा जो पक्ष दिया गया है व जो जुर्माना राजस्व विभाग द्वारा लगाया गया है उसको जमा कराया जाएगा या नही इसका फैसला अगली पेशी पर ही हो पाएगा। विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह व उनकी पत्नी शैलजा सिंह व उनके भाई धीरेंद्र पाल सिंह को जो नोटिस तहसील द्वारा अधिग्रहण भूमि पर अवैध निर्माण कर लेने के सम्बंध में भेजी गई थी उस संबंध में राजस्व विभाग ने अवगत कराया कि चूंकि शासन को किसानों की भूमि के अधिग्रहण का जो प्रस्ताव भेजा गया था वह दो साल के भीतर पास नही हुआ जिस कारण व अधिग्रहण निष्क्रिय हो जाता है जिस कारण कार्यवाही अवैध निर्माण पर नही की गई । जब कि पूर्व उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सागर का इस सम्बंध में कहना की यही हवाला विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह ने दिया था जब उनको मेरे द्वारा दिनांक 04/09/2020 को जारी नोटिस पर जवाब देने के लिए कहा गया था।लेकिन विधायक द्वारा जो हवाला दिया गया है उनसे लिखित तौर पर यह नियमावली मांगी तो वह उपलब्ध नही करा पाए।