रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
• पीड़ित कई वर्षों से अधिकारियों के काट रहा चक्कर
हरदोई / आज के प्रकरण को देख कर तो यही प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार चरम पर है।बहोरवा निवासी आशुतोष उर्फ विश्वनाथ पांडेय विगत लंबे समय से खुद को जीवित साबित करने के लिए प्रशासन के चक्कर काट रहा है, प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते आशुतोष पांडेय की जमीनों पर दबंगों ने कब्जा कर लिया पर वह खुद को जीवित साबित नहीं कर सका, जिससे उसे न्याय नही मिल पा रहा है।इस घटनाक्रम से प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली खुलकर सामने आ गई है। टड़ियावां थानाक्षेत्र के बहोरवा गांव निवासी आशुतोष उर्फ विश्वनाथ पांडे ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को प्रेषित शिकायती पत्र में बताया है कि उसके माता-पिता दिव्यांग थे, इस कारण उसका भरण पोषण उसकी बुआ गोमती देवी निवासी गुप्त गिफ्सनगंज कोतवाली शहर में हुआ है। उसने बताया कि जब उसके माता-पिता का देहांत हुआ तब वह छोटा था, इस कारण दबंगों ने सेक्रेटरी से मिलकर उसे मृत दर्शाकर उसकी जमीन व मकान पर कब्जा कर लिया है।
अब जब उसने अपने मकान और जमीनों को कब्जा मुक्त कराने की कवायद शुरू की तो दबंगों ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया। जिस कारण उसने शिकायत की लेकिन कागजों पर मृत होने के कारण अधिकारी उसकी शिकायतों को अनदेखा कर रहे हैं। विगत कई वर्षों से खुद को जीवित साबित करने के लिए वह पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारियों की चौखट पर चक्कर काट रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों को उसकी पीड़ा नजर नहीं आती। नतीजन आशुतोष पांडे ने आत्मदाह करने की बात कही है।