Home malihabad मलिहाबाद में अधिकारियों की उदासीनता के चलते गौवंश कड़ाके की इस ठण्ड में ठिठुरने को हैं मजबूर
मलिहाबाद में अधिकारियों की उदासीनता के चलते गौवंश कड़ाके की इस ठण्ड में ठिठुरने को हैं मजबूर
Dec 21, 2020
संवाददाता राकेश कुमार
रीडर टाइम्स न्यूज़
मलिहाबाद में इस समय पड़ रही कड़ाके की ठण्ड और ठण्ड को देखते हुये प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रत्येक ब्लाक अधिकारियों को निर्देशित कर गांवों में बने पशु आश्रय केन्द्रों में मौजूद गौवंशों को ठण्ड से बचाने के लिये उन्हें बोरों का स्वेटर उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन मलिहाबाद में अधिकारियों की उदासीनता के चलते गौवंश कड़ाके की इस ठण्ड में ठिठुरने को हैं मजबूर विकास खण्ड़ मलिहाबाद की ग्राम पंचायत खड़ौहां, दिलावरनगर, दौलतपुर, मोहम्मदनगर तालुकेदारी, मलहा, महदोईया, कसमण्ड़ीखुर्द, बेलगढ़ा, कैथुलिया, माधवपुर में सरकार द्वारा गांवों में खुला घूम रहे गौवंशों को रखने के लिये अस्थायी पशु आश्रय केन्द्रों का निर्माण कराया गया है इन पशु आश्रय केन्द्रों में एक हजार 351 गौवंश मौजूद हैं प्रदेश सरकार चारे के लिये प्रति जानवर 30 रूपये प्रतिदिन निर्धारित किये हैं जिसमें हरा चारा व भूसा आदि है लेकिन पशु आश्रय केन्द्रों पर हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं देखने को मिली केन्द्रों में मौजूद जानवरों को सिर्फ सूखा भूसा खिलाया जा रहा है पशु आश्रय केन्द्र कसमण्ड़ी खुर्द में 193 गौवंश हैं यहां टीनशेड का निर्माण भी कराया गया है ठण्ड़ को देखते हुये पूर्व में सरकार ने ब्लाक कर्मचारियों को निर्देशित कर कहा था कि टीनशेड़ों को चारों तरफ से त्रिपाल द्वारा ढका जाये, जिससे चलने वाली सर्द हवा अन्दर प्रवेश न करने पाये, साथ ही बोरों का बना स्वेटर वहां मौजूद गौवंशों को पहनाया जाये, जिससे गौवंशों को ठण्ड से बचाया जा सके लेकिन ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते न तो यहां टीन शेड को चारों तरफ से ढ़का गया है और न ही गौवंशों को टाट के बोरों से बना स्वेटर उन्हें पहनाया गया वहां गौवंशों की देखरेख कर रहे मजदूर ने बताया कि यहां करीब 200 जानवर हैं | ब्लाक के अधिकारियों ने उन्हें पहनाने के लिये सिर्फ 50 बोरों की व्यवस्था की है इसी तरह अन्य ग्राम पंचायतों बेलगढ़ा, मोहम्मदनगर तालुकेदारी, खड़ौहां सहित अन्य ग्राम पंचायतों मे बनें पशु आश्रय केन्द्रों का हाल है जहां गौवंशों के सापेक्ष नाम मात्र बोरों की व्यवस्था की गयी है और न ही टीनसेट को चारों तरफ से ढका गया है जिससे गौवंश इस पड़ रही कड़ाके की ठण्ड में ठिठुरने को मजबूर हैं इस सम्बन्ध में जब खण्ड़ विकास अधिकारी संस्कृता मिश्रा से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन मिला नहीं इस सम्बन्ध में पशु चिकित्साधिकारी डा0 आरबी राम का कहना है कि गौशालाओं मे मौजूद गौवंशों के लिये बोरों की समुचित व्यवस्था करा दी गयी है।