रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
भाजपा सरकार किसानों के नाम पर बड़े बड़े उद्योगपति की तिजोरी भर रही है यह आरोप किसान व विपक्ष सरकार पर लगा रहा है। लेकिन नहर विभाग हरदोई किसानों को पानी मुहैया कराने के नाम पर अपने चहेतों की तिजोरियों को भर रहा है।और सबसे बड़ी शर्म की बात यह है कि नहर विभाग में ब्याप्त भ्रष्टाचार को संरक्षण खुद यहां के आलाधिकारी दे रहे है। दरअसल अभी कुछ दिन पूर्व मदारा दुगवा माइनर की सफाई विभाग द्वारा कराई गई थी।यह माइनर मोहलिया, कंथाथोक,नीर,मदारा होते हुए कई गांव तक जाता है। एक्सचियन अखिलेश गौतम ने अवगत कराया कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी कि इस माइनर में पानी की व्यवस्था नही है जिसको संज्ञान में लेकर ही सफाई कराई गई व पानी को दोबारा शुरू किया गया जिस कारण किसानों के खेतों को पानी मिल सके।लेकिन जब रीडर टाइम्स न्यूज़ की टीम ने नहर विभाग द्वारा कराए गए कार्य को परखा गया तो पाया गया कि नहर सफाई के नाम पर लाखो रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया व सिर्फ वर्क ऑर्डर पर काम सत्ताधीशो के इशारे पर उनको या उनके चहोतो को दे दिए गए।और सबसे बड़ी बात इस पूरे भ्रष्टाचार में विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता है।जब जेई राहुल चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किराये पर मशीन लेकर सफाई कराई गई।जब राहुल चौधरी से पूछा गया कि किन ठेकेदारों द्वारा व कितने रुपये का कार्य कराया गया तो उन्होंने अवगत कराया कि हम ऐसे जानकारी नही दे सकते आरटीआई डाल कर जो जानकारी लेनी जो प्राप्त कर सकते है। राहुल चौधरी के इस बयान से समझा जा सकता है कि विभाग की मिलीभगत से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और सत्ताधीशो को मलाई कटाई जा रही है व खुद भी काटी जा रही है।मदारा ग्राम के निवासी हाई कोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभागीय साठगांठ से वर्क ऑर्डर पर उल्टा सीधा कार्य करा दिया गया और भाजपा के कुछ नेताओं को लाभ पहुचाया गया और सरकारी धन का बन्दरवाट किया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभागीय अधिकारियों ने वर्कऑर्डर जारी कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है और धरातल पर जो कार्य कराया गया है उसको देख कर समझा जा सकता है बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इस कार्य का टेंडर क्यो नही निकाला गया। आखिर विभाग यह जानकारी क्यो नही दे रहा है कि नहर की सफाई में कुल कितनी धनराशि को ब्यय किया गया व किन ठेकेदारों द्वारा यह कार्य कराया गया।ब्यय धनराशि की जानकारी न देना सिद्ध करता है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विभागीय अधिकारियों की मदद से किया गया है।