यूनानी फार्मासिस्ट काउंसलिंग के बाद भी नियुक्ति से दूर विगत ; 06 वर्षो से कोर्ट के चक्कर में फाक रहे धूल ,

पत्रकार सौरभ सैनी

रीडर टाइम्स न्यूज़

आरक्षित श्रेणी का स्वीकृत पद अल्पसंख्यक से भर दिया गया।

लखनऊ / प्रदेश सरकार द्वारा विगत वर्षो में आयुष स्वास्थ्य विभाग से संबंधित यूनानी निदेशालय से वर्ष 2014 में प्रकाशित विज्ञप्ति सं 951 / यू0 नि0 / सा० 210 / 2014-15 दिनांक 5 / 6  मई 2014 को लखनऊ में फार्मासिस्ट के रिक्त पद 95  सीटों के लिए वेतन बैंड 5200-20200 सादृश्य ग्रेड वेतन 2800 जिसमे नियमनुसार आरक्षित अभ्यर्थियों के लिए रिक्त सीट को भरने हेतु आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में मांगा गया था। प्रदेश के योग्य आवेदकों द्वारा समय पर कार्यलाय निदेशक यूनानी सेवाएं उ0 प्र0 लखनऊ को पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र कार्यलाय को प्राप्त कराते हुए सभी अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया हेतु दिनांक 19/09/2014से 27/09/2014 तक काउंसलिंग की प्रक्रिया में भी हिस्सा लिए। चयन सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग लिया गया। परन्तु नियुक्त पत्र नहीं मिल पाया। जिसका प्रमुख कारण चयन समिति की मनमानी रवैया / धांधली थी। जब हम सभी SC /ST चयनित अभ्यर्थी ( यूनानी फार्मेसिस्टों ) को यह पता चला की दिनांक 01/10/2014 को गोपनीय तरीके से अन्य संवर्ग ( एक ही समुदाय – मुस्लिम ) वर्ग को नियुक्त बैक डेट (पर्व दिवस ) में जारी कर दिया गया हैं। तब सभी चयनित अभ्यर्थी गण लखनऊ पहुंचे एव यूनानी निदेशक डा0 मो0 सिकंदर हयात सिद्द्की साहब से अनुमति दिनांक 07/10/2014 को लेते हुए उनके आगंतुक रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कराते हुए वार्तालाप किये तो उन्होंने बताया की आप लोगो की नियुक्ति कार्य प्रक्रिया अभी चल रही हैं। जबकि सच्चाई यह हैं कि निदेशक ने चयनित सभी SC / ST प्रशिक्षित यूनानी फार्मेसिस्टों को गुमराह किया गया था तथा SC /ST कि रिजर्व सीट को अन्य संवर्ग से भर लिया गया था। जबकि दिनांक 15/09/2014को हाई कोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने सख्त निर्देश दिया था की SC / ST की रिजर्व सीट SC / ST दिया जाय। लेकिन नियुक्त प्राधिकारी ( निदेशक यूनानी स्वास्थ्य सेवाएं उ0 प्र0 संग अन्य ) ने न्यायालय के आदेशों / निर्देशों को दर किनार करते हुए मनमाने ढंग से अपनी मनमानी किया गया हैं। इतना ही नहीं दिनांक 17/10/2014 को उन्होंने SC / ST के प्रशिक्षित / काउंसलर यूनानी फार्मेसिस्टों को एक रजिस्टर्ड पत्र भेजकर यूनानी फार्मेसिस्ट पद हेतु ही अयोग्य ठहरा दिया जिसका प्रमाण सब अभ्यर्थियों के पास सुरक्षित हैं। यह विभाग जब से अस्तित्व में आया हैं। तब से एक ही समुदाय विशेष – मुस्लिम को पात्र शोभनीय समझता हैं तथा ऐन केन प्रकारेण उन्ही लोगो की ही नियुक्त करता हैं। इतना ही नहीं इन्होने नियुक्ति प्रक्रिया के समस्त चरणे की कार्य गतिविधियों को शासन / सचिवसालय स्तर पर छुपाई हुई हैं। जो अत्यंत ही जांच पड़ताल का विषय हैं।