Home राज्य उत्तरप्रदेश लखनऊ लेखपाल की रिपोर्ट में अवैध खनन का खुलासा होने के बाद भी सोनवा गांव में नहीं रुक रहा है अवैध खनन
लेखपाल की रिपोर्ट में अवैध खनन का खुलासा होने के बाद भी सोनवा गांव में नहीं रुक रहा है अवैध खनन
Jan 28, 2021

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
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लखनऊ / एसडीएम बीकेटी नवीन चन्द्र के आदेश का असर खनन माफिया पर नजर नहीं आ रहा है। अवैध उत्खनन को लेकर एसडीएम द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके सोनवा गांव में माफिया द्वारा लगातार किये जा रहे अवैध खनन को लेकर विभागीय अधिकारी शिकायतों के बाद भी इससे पूरी तरह अंजान बने हुए हैं। तालाब में हो रहे अवैध उत्खनन से राजस्व का चूना लग रहा है, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं है।
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सूत्रों के मुताबिक जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर लेखपाल द्वारा खनन स्थल की पैमाइश भी बुधवार को की गई। जिसमें अनुमति से लगभग दो हजार घन मीटर खनन अवैध पाया गया है। जिस पर स्थानीय लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी है। लेखपाल द्वारा अवैध रूप से खनन न करने के लिए माफिया को मना भी किया गया है। लेकिन फिर भी माफिया द्वारा धड़ल्ले से तालाब में अवैध खनन किया जा रहा है। तमाम प्रयासों के बाद भी प्रशासन अवैध खनन पर रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है।
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खनन माफिया द्वारा तालाब में खनन कर मंहगे दामों में बेचा जा रहा है। बताते हैं कि सोनवा गांव में कई दिनों से तालाब में अवैध खनन कर माफिया द्वारा रोजाना लगभग तीन लाख रुपये की मिट्टी बेंची जा रही है। लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ।स्थानीय तहसील प्रशासन के जिम्मेदार अफसर व पुलिस दिखावटी तौर पर मिट्टी से लदी गाड़ियों को थाने तक तो ले जाती है लेकिन लाखों रुपए लेकर मिट्टी से भरे डम्फरों की चाभी खनन माफियाओं को बाइज्जत वापस दे दी जाती है।
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बताते हैं कि , खनन माफिया को यहां पर सिर्फ 10 हजार घन मीटर तक ही मिट्टी खनन की अनुमति मिली थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अब तक यहां लगभग 12 हजार घन मीटर से अधिक मिट्टी का खनन किया जा चुका है। जिसकी पुष्टि बुधवार को लेखपाल द्वारा की गई पैमाइश से हुई है। जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण तालाब में अवैध रूप से मिट्टी की खोदाई कर निजी कार्यों के लिए की जा रही बिक्री को रोककर खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एसडीएम,डीएम,जिला खनन अधिकारी से लेकर सीएम विंडों तक लिखित शिकायत भी कर चुके हैं। शिकायतों के बाद भी सरकारी कार्यों के नाम पर बीकेटी के दर्जनों गांवों में अवैध खनन रुक नहीं रहा है।