डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना को खनन माफिया चला रहे हैं योगीराज में पत्रकार नहीं है सुरक्षित क्योंकि माफिया चला रहे हैं। थाने और खनन माफिया के इशारे पर काकोरी पुलिस बना रही है पत्रकारों को अपराधी जाहिर सी बात है अवैध खनन चलाने के लिए खनन माफिया को मोटी रकम देना पड़ता है | काकोरी पुलिस को और पुलिस उनके इशारे पर करती है काम रीडर टाइम्स पत्रकार मनोज शर्मा को पत्रकारिता करना पड़ा भारी।
आपको बता दें दिनांक 27.01.2021 रात्रि लगभग 8:30 बजे पत्रकार मनोज शर्मा को मिंटू ने मिलने के लिए बुलाया उससे पहले ज्ञान सिंह ने दिनांक 27.01.2021 को दोपहर में मिलने को कहा था क्योंकि पूरा मामला यह है मनोज शर्मा पेशे से पत्रकार हैं और ज्ञान ठाकुर अजय सिंह चौहान पेशे से खनन कराते हैं जिसकी जानकारी पत्रकार मनोज शर्मा ने खनन इंस्पेक्टर सुशील से लिया। ज्ञान सिंह और अजय ठाकुर जो खनन करा रहे हैं | उस पर आप जांच क्यों नहीं करा रहे हैं। खनन इंस्पेक्टर सुशील ने इसकी जानकारी इन खनन माफियाओं को दे दिया जिसके बाद से खनन माफियाओं ने षड्यंत्र रच कर पत्रकार मनोज शर्मा को अपने जाल में फसाकर मनोज शर्मा के ऊपर एक साथ कई सारे इल्जाम लगाएं जबकि सच्चाई यह है | कि मनोज शर्मा को पहले खनन माफियाओं ने मारा पीटा और 1 घंटे के लिए इन्हें कहीं किसी कमरे में बंद करके बंधक बना लिया था | और काकोरी पुलिस से माफिया लगातार बात करके काकोरी पुलिस के मिलीभगत से षड्यंत्र बनाएं कि मनोज शर्मा को किस तरह से जेल भेजना है। जब मनोज शर्मा को चमचमाती फॉर्च्यूनर व इंदीवर बिना नंबर प्लेट की गाड़ी से बंधक बनाकर काकोरी थाने ले गए तो मनोज शर्मा पर इल्जाम लगवाएं तमंचा दिखाकर मनोज शर्मा हम 20 खनन माफियाओं से ₹50000 वसूलना चाहते थे जिसकी जानकारी जब पुलिस ने मनोज शर्मा को दिया तो मनोज शर्मा के पैरों तले जमीन खिसक गई मनोज शर्मा ने काकोरी पुलिस को बताया कि , मैं खुद ही लाइसेंस धारी हूँ लाइसेंसी पिस्टल उसे लेकर नहीं चलता हूँ | तो मैं भला अवैध तमंचा लेकर क्यों चलूंगा और मेरे पास इतनी हिम्मत नहीं है कि लगभग 20 लोगों के आगे खड़े होकर मैं पैसा मांगू और तो और काकोरी पुलिस लगातार पांच साल से मनोज शर्मा को इसी इलाके में देखते आई है एक एक सिपाही जानता है मनोज शर्मा किस तरह के पत्रकार हैं असल में काकोरी पुलिस अवैध तरीके से जहां भी पैसे लेना चाहती थी यह बात मनोज शर्मा को पता चल जाता था कुल मिला जुला कर यही है अवैध खनन माफिया और काकोरी पुलिस की दाल गल नहीं रही है क्योंकि मनोज शर्मा जो रास्ते का रोड़ा बन रहे हैं जो कोई भी गलत करता था उसकी खबर उजागर कर देता है यह पत्रकार मनोज शर्मा अपने पोर्टल और पेपर में तुरंत उजागर कर देते थे भांडा फूटने से काकोरी पुलिस अवैध खनन माफियाओं का बहुत दिन से गुस्सा भरा हुआ था अब यह गुस्सा मनोज शर्मा के ऊपर कैसे फोड़ा जाए तब पुलिस अवैध खनन माफिया ज्ञान सिंह और अजय ठाकुर के साथ मिलकर षड्यंत्र रच कर पत्रकार मनोज शर्मा को जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी थी गनीमत यही रहा कमिश्नर डीके ठाकुर ने मुकदमा लिखने से काकोरी थाना को मना कर दिया कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहां पहले इसकी जांच होगी इसके बाद से जो जांच में बाहर आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी |
काकोरी पुलिस इन खनन माफियाओं से मिली हुई है। उन्ही के इशारे पर काकोरी पुलिस ने मनमानी तरीके से थाने पर पत्रकार मनोज शर्मा को बैठा रखा था यही नहीं पुलिस ने शारीरिक और मानसिक रूप से पत्रकार मनोज शर्मा को प्रताड़ित भी किया। थाना प्रभारी द्वारा पत्रकार मनोज शर्मा का मोबाइल छीन लिया गया तथा उस वक्त पत्रकार मनोज शर्मा के पास 2000 रूपए भी थे जो थाना प्रभारी ने वह भी छीन लिया। लिहाजा पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के कहने पर काकोरी पुलिस ने पत्रकार मनोज शर्मा का मोबाइल वापस किया। योगी सरकार में पत्रकार नहीं है सुरक्षित क्योंकि खनन माफिया चला रहे हैं। काकोरी थाना खनन माफियाओं के इशारों पर काकोरी पुलिस बना रही है पत्रकारों को अपराधी |