Home क्राइम दरिंदगी की हुई शिकार :- बलात्कार की कोशिश में तोड़ दी रीढ़ की हड्डी ; 6 महीने तक बेड पर रहने को मजबूर मासूम ,
दरिंदगी की हुई शिकार :- बलात्कार की कोशिश में तोड़ दी रीढ़ की हड्डी ; 6 महीने तक बेड पर रहने को मजबूर मासूम ,
Feb 20, 2021
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
बलात्कार की हैवानियत तो जैसे रोजमर्रा की जिंदगी का काम सा बन गया हैं इन हैवानियत के दरिंदो किसी के दर्द का कोई एहसास नहीं होता हैं। जिस तरह से देश के हर शहर में बलात्कार एक मामूली सी बात हो गयी। दूसरी ओर इन हैवानियत के पुजारियों को सरेआम मार देना चाहिए। ऐसे ही एक दर्दनाक घटना जो की “मध्यप्रदेश के भोपाल की हैं। जिसमें आरोपी ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। 24 साल की लड़की के साथ बलात्कार की कोशिश में हैवान ने उसकी सारी जिंदगी बर्बाद कर ऐसी हालत में छोड़ की उसे जिंदगी भर एक गहरे दर्द व सदमे में रहने को मजबूर कर दिया हैं। दरिंदे ने लड़की के साथ ऐसी हैवानियत की है कि लड़की अब छह महीने तक बेड पर पड़े रहने को मजबूर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़की की मां ने बताया कि लड़की इवनिंग वॉक के लिए निकली थी तभी एक लड़के ने अंधेरा देख उनकी बेटी को धक्का देकर सड़के से नीचे गिरा दिया और बलात्कार की कोशिश में उसके साथ खूब मारपीट की। मां ने बताया कि दुष्कर्म करने की कोशिश में लड़के ने लड़की को इतना पीटा कि उसकी कमर टूट गई। लड़की की मां ने बताया कि लड़की को इतना मारा गया था कि उसे लगा कि आरोपी उसे पीट-पीट कर मार डालेगा। इसलिए लड़की ने आरोपी से कहा कि , उसे जो करना है कर ले, पर उसे मारे नहीं। लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनकर लोग दौड़ कर आए, लोगों को देख आरोपी वहां से भाग गया। लड़की को अस्पताल लाया गया जहां मालूम चला कि उसके सिर , गले और पीठ पर चोटे थी।
लड़की को लगभग 10 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। लेकिन पीड़िता की रीढ़ की हड्डी में रॉड लगाई गई है। जिसकी वजह से वह छह महीने तक बिस्तर पर रहने को मजबूर है। इस मामले को एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में लापरवाही बरतती है। भोपाल में एक युवती ने व्यक्ति द्वारा बलात्कार करने और बुरी तरह मारपीट का आरोप लगाया था। उसने पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “भोपाल रेप पीड़िता एक महीने बाद भी न्याय से कोसों दूर है क्योंकि भाजपा हमेशा पीड़िता को ही रेप का ज़िम्मेदार ठहराती है और कार्यवाही में ढील देती है जिससे अपराधियों का फ़ायदा होता है। यही है सरकार के ‘बेटी बचाओ’ का सच!”