डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हर साल 8 मार्च को महिलाओं के प्रति सम्मान और प्रेम दर्शाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के एक उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है। 28 फरवरी 1909 को न्यूयॉर्क में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की अपील पर इसे पहली बार मनाया गया था। इसके बाद यह फरवरी के चौथे रविवार को मनाया जाने लगा। उस समय इसका मकसद महिलाओं को मतदान का अधिकार दिलवाना था। इसके बाद 1914 में 8 मार्च को महिला दिवस मनाया गया था, फिर पूरे विश्व में यह 8 मार्च को मनाया जाने लगा।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 8 मार्च यानी सोमवार को. विश्व महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने के पीछे एक मात्र उद्देश्य है महिलाओं के प्रति समाज में सम्मान की भावना उत्पन्न करना तथा उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिलवाना. इस दिवस को दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है. विभिन्न संस्थानों दफ्तर कॉलेज स्कूल आदि जगहों पर इस दिन क्विज कंपटीशन, भाषण, लेखन, स्पीच प्रतियोगिताएं व सेमीनार समेत अन्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये सेलिब्रेशन कुथछ फीका है. क्योंकि, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण किया जा रहा है. उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते. ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकार का भी के बारे भी नहीं पता. ऐसे में अब महिलाओं के प्रति समाज को अपना नजरिया बदलना होगा. लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा.
: – सुरक्षित भविष्य के लिए महिलाओं का फाइनेंसियल प्लानिंग जरूरी
आज महिला दिवस है ऐसे में जो महिलाएं कार्य के साथ-साथ घर भी संभाल रही है. उन्हें अपने भविष्य के लिए फाइनेंसियल प्लानिंग अवश्य करना चाहिए. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम समय तक काम कर पाती है. साथ ही साथ उनके मुकाबले इनकी सैलरी भी काफी कम होती है. ऐसे में बचत और निवेश ही उनके भविष्य को संवार सकता है. सम्मान के साथ-साथ सुरक्षित जीवन जीने के लिए महिलाओं को निवेश पर जरूर ध्यान देना चाहिए. इसे लेकर ठोस प्लानिंग करनी चाहिए. इनमें खर्चों को कंट्रोल करना घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा की योजना बनाना, इंसुरेंस संबंधित प्लानिंग व अन्य तरह के निवेश आपको भविष्य में आत्मनिर्भर बना सकते हैं.
आज यानी 8 मार्च को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रही है. लेकिन कई ऐसे देश या भारत में कई ऐसे गांव व कस्बे है जहां आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. जहां आज भी महिलाओं का शोषण किया जाता है. वे घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं. उनके साथ भेदभाव किया जाता है या उनके अधिकारों का हनन किया जाता है लेकिन अब महिलाएं किसी भी मामलों में पुरुषों से कम नहीं है उन्हें समान वेतन का अधिकार, घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार , मातृत्व संबंधी , रात में गिरफ्तार ना होने , काम के दौरान उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत ।
8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. हम और आप भी इस महिला दिवस में उन महिलाओं को याद कर रहे जो इस पुरूष प्रधान समाज में भी अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रही है. यूं तो महिलाओं में सहनशीलता सबसे अधिक होती है लेकिन महिलाएं केवल सहन ही नहीं करती बल्कि उस परिस्थिति को सोना बना देती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे आपके और हम सबके घरों में ही है. मां, जिसे खुद की फिक्र कम और सबकी फिक्र ज्यादा होती है. कई महिलाओं की स्थिति काफी मुश्किलें होती है. लेकिन, लाख समस्याओं के बावजूद कुछ महिलाओं ने खुद अपनी तक्दीर लिखी है |
8 मार्च 2021 को दुनिया महिला दिवस मना रही है. लेकिन, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण जारी है. उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते. ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकार का भी के बारे भी नहीं पता. भारतीय संविधान ने महिलाओं को कई अधिकार दिए है. इनमें सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वूमेन एक्ट, मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट, प्रोटेक्शन ऑफ वुमन डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट, प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट समेत अन्य सभी अधिकारों का उपयोग कर महिलाएं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती है. इस बार विशेष टीम इस फोर इक्वल कीवी टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है. ऐसे में समाज को भी महिलाओं के प्रति अपनी नजरिया बदल ली होगी. लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा. उन्हें समान अवसर देने होंगे तभी हमारा पीढ़ी शिक्षित होगा, आगे बढ़ेगा.
: – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं के लिए समर्पित है जो समाज में फैली कुरीतियों या विरोध के बावजूद अपनी अलग पहचान बना रही हैं. दुनिया भर में कई ऐसे देश है जहां महिलाओं को आज भी समान अधिकार नहीं मिला हुआ है. वहीं भारत में भी कई ऐसे कस्बे या गांव है जहां महिलाओं को द्वेष भावना, कुरितियों आदि का शिकार होना पड़ता है. लेकिन हाल के सालों में यह भी देखा गया है कि किस तरह महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर देश के तरक्की में अपनी भागीदारी दे रही हैं. ऐसे में कम से कम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ऐसा दिन है जिस दिन हम ऐसी सभी महिलाओं की सराहना कर सकते हैं उन्हें सम्मानित करके स्पेशल महसूस करवा सकते हैं. साथ ही साथ समाज को भी उनके प्रति जागरूक कर सकते हैं.