रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
* प्रमाण के साथ हुई शिकायत पर सत्ता के दवाब में नही हुई कोई कार्यवाही
हरदोई / बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वर्षों से तैनात वरिष्ठ लिपिक प्रमोद शुक्ला व डी0 आई0 ओ0 एस0 / वी0 के0 दुबे पर विमलेश शर्मा ने भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि विमलेश शर्मा द्वारा जो शिकायत की गई है वह प्रमाणों के साथ कि गई है लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नही हो सकी है कार्यवाही न होने का प्रमुख कारण यह है कि प्रमोद शुक्ला हरदोई के भाजपा नेता के करीबी रिश्तेदार है।
दरअसल :- उ0 प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के आदेश के क्रम में दिनांक 15/06/2019 को कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो में अध्यापकों का चयन होना था लेकिन यह चयन प्रक्रिया वरिष्ठ लिपिक प्रमोद शुक्ला व वी0 के दुबे की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। मोटी रकम लेकर अपात्रों का चयन किया गया इस चयन प्रक्रिया में विज्ञान अध्यापक, गणित अध्यापक, व एकल अध्यापक के चयन पर शासन से रोक थी लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे कर्मचारियों ने खालिद जुबैर अंसारी एकल शिक्षक,नूतन विज्ञान शिक्षक, अमित कुमार सिंह विज्ञान शिक्षक, अनिल कुमार विज्ञान शिक्षक,अर्पित सिंह एकल शिक्षक, बलजीत एकल शिक्षक की तैनाती अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कर दी यह कुछ अपात्र शिक्षक तो मात्र शिकायती पत्र में उदाहरण है ऐसे पता नही कितने अपात्र शिक्षको की तैनाती मोटी रकम लेकर की गई है । जब शिकायत हुई तब मात्र खानापूर्ति के लिए जुबैर अंसारी की तैनाती के आदेश को निरस्त कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने प्रमोद शुक्ला पर गलत तरीके से मान्यता देने का भी आरोप लगाया है और इतना ही नही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में उर्दू शिक्षको की तैनाती कर दी गई।
शिकायत पत्र में भ्रष्टाचार कर करोड़ो रूपये की सम्पत्ति एकत्र करने की भी शिकायत व गलत तरीके से मृतक आश्रित को नौकरी देने का आरोप भी लगाया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर आरोपो की निष्पक्ष जांच क्यो नही हो रही है कब तक प्रमोद शुक्ला जैसे लोग कानूनी कार्यवाही से दूर रहेंगे। एक बात तो तय है कि जिस प्रकार से सभी सबूतों के साथ शिकायत की गई है उसके बाबजूद कार्यवाही न होना दर्शाता है कि भ्रष्टाचार करने वालो के हौसले भाजपा सरकार में बुलन्द है।