अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एएमयू के डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में रविवार को आयोजित वार्षिकोत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने छात्रों से सीधे संवाद किया। उन्होंने छात्रों से खुलकर अपनी बात रखने को कहा । कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने पार्टी लाइन से हटकर एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है, जिस पर विवाद होना संभव है ।
इस के बाद एएमयू के एक पूर्व छात्र ने पूछा, “1948 में एएमयू एक्ट में पहला संशोधन हुआ था, उसके बाद 1950 में राष्ट्रपति का आदेश, जिससे मुस्लिमों से आरक्षण का छीना गया और फिर हाशिमपुरा, मलियाना और मुज्जफरपुर जैसे दंगों की लिस्ट है। इसके अलावा बाबरी मस्जिद की शहादत ये सब कांग्रेस के राज में हुआ। मुसलमानों की मौत के धब्बे कांग्रेस के दामन पर हैं इन्हें आप कैसे धोएंगे?”
खुर्शीद ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के दामन पर मुस्लिमों के खून के धब्बे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि मैं कांग्रेस का नेता हूं इसलिए मुस्लिमों के खून के दाग मेरे दामन में भी हैं, लेकिन ये आप पर ना लगें इसलिए आप इन घटनाओं से सीखें।
एएमयू के निलंबित छात्र आमिर मिंटोई ने खुर्शीद से पूछा कि 1947 में देश की आजादी के बाद ही 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन, 1950 प्रेसिडेंशल ऑर्डर, जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छिना गया। इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ आदि में मुसलमानों के नरसंहार हुआ। इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाज़े खुलना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखना और फिर बाबरी मस्जिद की शहादत जो कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में हुई।
इन सारी घटनाओं का हवाला देते हुए आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फ़ाज़ों से धोना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा की कांग्रेस का नेता होने के नाते मुसलमानों के ख़ून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर हैं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने आखिर में छात्रों से इतनी अपील की कि आप गुज़रे हुए वक्त से सबक सीखो. उन्होंने छात्रों से कहा कि आप आगे इस बात का ख्याल रखो कि जब कभी आप अलीगढ़ लौटकर आओ तो आपको भी अलीगढ़ में सवाल पूछने वाले मिलें।