रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
वर्ष 2018 में डाली गई एक आरटीआई में लम्बी जद्दोजहद के बाद नगर पालिका हरदोई को आवेदक को सूचनाएं उपलब्ध करानी पड़ गई।प्राप्त सूचनाओं ने नगर पालिका परिषद हरदोई के उस भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर दिया जो वर्षों से आज तक खेला जा रहा है। आज के प्रकरण से जान पाएंगे कि किस तरह से इस खेल को अंजाम दिया जाता रहा था और आज भी अंजाम दिया जा रहा है। नगर पालिका परिषद हरदोई द्वारा दिनांक 24/09/2016 को मोहल्ले की गलियों व मुख्य मार्ग पर माडल स्पीड ब्रेकर लगाने की विज्ञप्ति प्रकाशित हुई थी।लेकिन नगर पालिका हरदोई ने तय कर लिया था कि किस चहेते ठेकेदार को लाखो रुपये का टेंडर देना है। इसलिए उनके चहेते ठेकेदार ने एक रणनीति के तहत अपने करीबी मित्र की फर्म व अपने परिवार के सदस्य के नाम से रजिस्टर्ड फर्म व अपनी फर्म से तीन टेंडर डाले। सबसे हैरानी की जो बात है वह यह है कि निविदा प्रपत्र जो भर कर डाले गए है उस पर लिखी हैंडराइटिंग से प्रतीत होता है कि तीनों निविदा प्रपत्र एक ही व्यक्ति ने भरे है व एफडीआर एक ही बैंक से बनी है। निविदा प्रपत्र पर लिखी तारीख का एक होना व प्रपत्र के क्रमांक का सीरियल से होना यह दर्शाते है। की बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। वर्ष 2016 में हुए इस भ्रष्टाचार की अभी बहुत सी पर्ते खुलनी बाकी है। इस लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।