* मार्च मध्य से 04 मई 2021 तक है कठिन समय.
* 04 मई 2021 से इस महामारी पर रोक लगना शुरू हो जाएगी.
सम्पूर्ण संसार ग्रहों की चाल से प्रभावित होता है . वो कहते है न , समय एक सा नहीं रहता . बुरे वक़्त के बाद अच्छे वक़्त का भी आना तय होता है. ऐसा कहना है ज्योतिर्विद संजय मिश्रा का . शुक्र गृह को हिन्दू वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ गृह माना जाता है . पिछले 61 दिनों तक अस्त रहने के बाद शुक्र गृह का अपनी वृषभ राशि में 04 मई 2021 को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर उदय शुभ संकेत और मज़बूती का द्योतक है .
यह प्राचीन काल से देखा गया है कि जब-जब राहु वृषभ राशि से गोचर करता है , तब बहुत मुसीबतें खड़ी हो जाती हैं और दूसरी तरफ 16 फरवरी 2021 से शुक्र के अस्त हो जाने से यह समस्या कई गुना बढ़ गयी है. सोने पे सुहागा तो तब हुआ जब दो पापी गृह मंगल-राहु ने 21 फरवरी 2021 से 14 अप्रैल 2021 तक वृषभ राशि से गोचर किया. मंगल-राहु का 11 मार्च से 4 अप्रैल तक रोहिणी नक्षत्र में गोचार सबसे बुरा समय था.
महाभारत काल के दौरान पापी ग्रहों के रोहिणी नक्षत्र में गोचर को रोहिणी शकट योग कहा गया है.इस योग में कई पापी ग्रहों के एक साथ इकठ्ठा होने से भारत भूमि में बहुत समस्याएं खड़ी हो गयी थीं .मगर इस ब्रम्हांड में अच्छी और सकारात्मक शक्तियों ने हमेशा बुरी ताकतों को हराया है . जैसे ही शुक्र गृह 04 मई 2021 को अपनी राशि वृषभ में उदय होंगे, वैसे ही बुरी शक्तियों की पकड़ ढीली पड़नी शुरू हो जाएगी और मई के अंत तक स्थितियों में काफी हद तक सुधार हो जायेगा.
आइये देखते हैं कि भारत की स्वतंतंत्रता समय की कुंडली में शुक्र कैसे वापस ताकतवार होकर आ रहा है. अगर हम सर्वास्टक कुंडली को देखेगें तो पायेंगें कि शुक्र के मेष राशि में अस्त होने और सिर्फ 30 अंक पाने की वजह से 10 अप्रैल से 4 मई तक कैसी विध्वंसकारी परिस्थितियां बन गयी थीं. इस काल में सभी ग्रहों का विध्यंसक रूप देखने को मिलता है खासकर मार्च मध्य से 04 मई 2021 तक.
04 मई 2021 से शुक्र के वृषभ राशि में आने से सभी बुरे असर समाप्त होना शुरू हो जायेगें क्यूंकि अष्टकवर्ग में 44 अंक मिल रहे हैं , साथ ही भिन्नाष्टक वर्ग में 8 अंक मिल रहे है जोकि ग्रहों के गोचर में भाग्यशाली और शुभ है. 04 मई से 29 मई 2021 के बीच शुक्र के मज़बूत स्थिति में आने से ब्रम्हांड में कई सकारात्मक ऊर्जाएं पैदा होंगी और इन बुरी परिस्थितियों पर अंकुश लगेगा. 29 मई के बाद भी शुक्र मिथुन राशि में मज़बूत बुध गृह के साथ ताकतवर रहेंगें, जिससे मई-जून में इस महामारी की बढ़ोत्तरी पर रोक लग जाएगी.
जैसे कि शास्त्रों में कहा गया है कि अगर इस ब्रम्हांड में बुरी शक्तियां है , तो परमपिता परमेश्वर की कृपा से उनको परास्त करने के लिए अच्छी शक्तियां भी है . जब-जब बुरी शक्तियां अपने पैर पसारना शुरू करती हैं , तब-तब अच्छी शक्तियों उनपर लगाम लगाने के लिए आती हैं ,और अब वो समय आ चूका है.