टड़ियावां पुलिस फिर आरोपो के घेरे में
हरदोई : जब से पंचायत चुनाव संपन्न हुए है आये दिन विवादों के मामले संज्ञान में आते रहे है इसी को ध्यान में रखते हुए हरदोई पुलिस अधीक्षक अनुराग बत्स ने कल चेतावनी भी दी है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालो को किसी कीमत पर बख्शा नही जाएगा
इसी चुनावी रंजिश का एक मामला प्रकाश में आया है इस प्रकरण में पुलिस का कहना है कि युवक ने आत्महत्या की है जब कि मृतक के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है।
दरअसल ग्राम जगरौली थाना टड़ियावां जिला हरदोई के निवासी मृतक गंगाराम के भाई रंजीत पुत्र रामपाल ने उच्च स्तरीय अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया है व आरोप लगाया है कि टड़ियावां पुलिस दोषियों पर कोई कार्यवाही नही कर रही है उसके भाई गंगा राम ने आत्महत्या नही की बल्कि उसकी हत्या की गई है लेकिन टड़ियावां पुलिस जांच नही कर रही है।
मुख्यमंत्री व जिले के आला अधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र के अनुसार मृतक गंगाराम के परिवार वाले दिनांक 15/04/2021 को मतदान करने गए थे मृतक गंगाराम घर मे अकेला था तभी गाँव के विपक्षी प्रमोद पुत्र विद्यासागर जो प्रधान पद के प्रत्यासी थे व उसके सहयोगी पंकज पुत्र राजा,देशराज पुत्र साधू, रामशंकर पुत्र गुलजारी डोरीलाल पुत्र किशोरी अपने पक्ष में मतदान करने का दवाब बनाने लगे व पैसे देने लगे लेकिन मृतक गंगाराम ने उनके पक्ष में मतदान करने से मना कर दिया जिस कारण उक्त लोग आगबबूला हो गए और घर में ही मारापीटा व अपने साथ उसे ले गए और उसकी हत्या कर दी शिकायती पत्र के अनुसार विपक्षी जब उसके भाई गंगाराम को अपने साथ ले जा रहे थे इस घटना को शिवपाल व तुलसी ने देखा है।
परिजनों को खोजबीन के बाद अगले दिन दिनांक 16/04/2021 को गंगाराम का शव नरेश के बाग में पेड़ से लटकता हुआ मिला पुलिस ने शव को उतारा व पोस्टमार्टम कराया।
परिजनों ने अंतिम संस्कार कराने के बाद टड़ियावां थाने में शिकायती पत्र दिया लेकिन पुलिस ने कोई जांच नही की का आरोप लगाया है।
जब इस प्रकरण के बारे में मृतक के भाई रंजीत से पूछा गया कि आखिर वह आत्महत्या नही हत्या की गई है का आरोप किस आधार पर लगा रहा है तब उसने हमारे समाचार पत्र को वह मृतक गंगाराम के पेड़ से लटकते हुए शब की तस्बीर उपलब्ध कराई जिसे देख कर समझा जा सकता है कि यह हत्या है या आत्महत्या
मृतक के भाई ने बताया की जब अंतिम संस्कार करने के बाद जो शिकायत पत्र टड़ियावां थाने में दिया था उसकी कोई जांच पुलिस ने मौके पर आकर नही की और न ही जिन लोगो ने विपक्षी द्वारा गंगाराम को ले जाते हए देखा था उनसे कोई पूछताछ की गई।
रंजीत द्वारा लगाए गए आरोपो में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन मृतक गंगाराम के लटकते हुए शब की खिंची हुई तस्बीर अपने आप मे सारी कहानी बयान कर रही है।
अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक ने किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा जो संदेश जारी किया है उसके अनुरूप क्या इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी या यूं ही मृतक गंगा राम के माता पिता भाई यू ही न्याय की आस में दरबदर भटकते रहेंगे और जांच की मांग करते रहेंगे।