अमित पाण्डेय
रीडर टाइम्स
1-मृतक परिवारों का पूरी संवेदना और सहानुभूति के साथ रखा जाएगा ख्याल
2- इस संबंध में नई सोच के साथ विचार करना आवश्यक
लखनऊ : पंचायत चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में कोविड संक्रमण से हुई शिक्षक व राज्य कर्मचारी की मौतों पर मुख्यमंत्री ने मरहम लगाते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा नौकरी देने का बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री के इस बयान से जहां एक तरफ मृतक परिवारों को सरकार का सहारा मिला है वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर बढ़ता गतिरोध भी समाप्त हो गया है।
प्रदेश में पिछले दिनों हुए पंचायत चुनाव में चुनाव ड्यूटी करते समय बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य कर्मचारी को भी संक्रमित हो गए थे। जिसमें से कई मौत के मुंह में भी समा गए। राज्य कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके आंकड़ों को लेकर घमासान छिड़ गया। जिसमें राज्य के शिक्षक व कर्मचारी संघों ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दे दी थी।
आज मुख्यमंत्री ने चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जिन राज्य कर्मचारियों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को पूरा सहयोग देने का ऐलान किया है । इस संबंध में उन्होंने आदेश भी जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना जुड़ी हुई है। परिवार के एक सदस्य होने के नाते परिवार का ध्यान रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसलिए इन परिवारों के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमिशन की गाइड लाइन पुरानी है। तब करोना काल नहीं था। और राज्य सरकार चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा और नौकरी देने का कार्य करती है। लेकिन बदली परिस्थितियों में अब नए सिरे से संवेदना पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्यूटी करने वाले प्रत्येक कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा में संक्रमण होने, निधन होने की स्थिति में भी सम्मिलित करने पर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार-विमर्श कर आवश्यक सूचना देने का अनुरोध किया जाना चाहिए। इस संबंध में सभी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदेश के मुखिया द्वारा जारी कर दिए गए हैं ।जल्द ही मुख्य सचिव द्वारा मुआवजे और सेवायोजन संबंधी आदेश जारी किए जाएंगे।