इस सन्दर्भ में जिला मजिस्ट्रेट के यहाँ भू-माफिया कानून के अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु एक पत्र दिया जा चुका है . साथ ही मुख्यमंत्री तक भी शिकायती पत्र भेजा जा चुका है| लेकिन डॉ0 बिसेन ने मीडिया को बताया सीएमएस प्रबंधक जगदीश गाँधी इंदिरा नगर के सिटी माण्टेसरी को अवैध तरीके से ही संचालित कर रहे हैं| क्योकि स्कूल की इस शाखा के भवन का न तो मानचित्र ही स्वीकृत है और यह भवन का भू-उपयोग आज भी आवासीय में दर्ज है| पिछले 21 वर्षो से इस भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित हुआ कहीं धूल खा रहा है| जगदीश गाँधी के प्रभाव के चलते आज तक इसको अमल में नहीं लाया जा सका है|
मैगसेसे सम्मान से नवाजे गए मशहूर समाज सेवी प्रो० संदीप पाण्डेय ने भी जगदीश गाँधी को आरोपों के घेरे में लेते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार 2009 के तहत अलाभित समूह व दुर्बल वर्ग के बच्चो को मुफ्त शिक्षा के नियमो को कभी न मानकर अपने मानवता विरोधी चरित्र को उजागर किया है| उन्होंने इनकी अलग-अलग शाखाओ कि अनियमितताओं को बताते हुए सिटी माण्टेसरी स्कूल की मान्यता को रद्द करने कि मांग भी की|
देखना यह है कि व्यक्तिगत लाभ के चलते दूसरे की संपत्ति पर कब्ज़ा करके जगदीश गाँधी अपने छात्रों को किस तरह विश्व शांति का पाठ पढ़ाते है|
जगदीश गाँधी शिक्षाविद या भूमाफिया ?
Apr 26, 2018Comments Off on जगदीश गाँधी शिक्षाविद या भूमाफिया ?
रिपोर्ट:- मार्कण्डेय शुक्ला
लखनऊ: लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल के फाउंडर जगदीश गाँधी पर मशहूर स्पेशियलिटी न्यूरोसर्जन डॉक्टर सुनील बिसेन ने अपना पैतृक मकान हथियाने का आरोप लगाते हुए उन्हें भूमाफिया बताया है| डॉ० बिसेन ने रीडर टाइम्स को बताया कि पिछले 30 सालो से उनका परिवार कानूनी लड़ाई लड़ रहा है . लेकिन जगदीश गाँधी द्वारा कानूनी अड़चन डालने की वजह से उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल सका है| उन्होंने बताया कि जापलिंग रोड़ पर जिस भवन में सिटी मांटेसरी स्कूल की शाखा संचालित की जा रही है, असल में वह तीन भाइयो डॉ० सुनील बिसेन, संजय बिसेन, अजय बिसेन व उनकी बहन डॉ० मीता बिसेन की पैतृक संपत्ति है .
जिससे उनके पिता स्व. विश्वनाथ शरण सिंह बिसेन ने 1982 में विद्यालय के प्रबंधक जगदीश गाँधी को 4000 रूपये महीने के किराये पर दी थी . लेकिन कुछ सालो के बाद उन्होंने जगदीश गाँधी से अपना मकान खाली करने के लिए कहा . लेकिन मकान खाली न होने की दशा में अंततः उन्हें न्यायलय की शरण लेनी पड़ी| मुकदमा पिछले 30 वर्षो से न्यायालय में लंबित है और बिसेन परिवार को आज तक किसी भी तरह की राहत नहीं मिली| उन्होंने सीधे तौर पर जगदीश गाँधी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है| उनका मानना है कि तमाम कानूनी दाँव-पेंचो के चलते आज तक उन्हें अपना मकान नहीं मिल पाया है|
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