लखनऊ:- सपा सरकार में हुई जल निगम भर्ती घोटाले की जांच में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान पर कानूनी शिकंजा कस गया है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद एसआईटी ने आजम खान समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। दर्ज की गई इस एफआईआर में जल निगम के पूर्व एमडी के साथ पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह भी शामिल हैं।
जल निगम भर्ती घोटाले में उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के साथ ही चार अफसरों पर धोखाधड़ी, दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने, साजिश रचने और साक्ष्य मिटाने के मामले में मुकदमा चलेगा।
साल 2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्तियां की गई थी। भर्ती में गड़बड़ी को लेकर आजम खान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो प्रदेश में योगी सरकार ने सितंबर 2017 में इस पूरे मामले की जांच एसआईटी को दे दी। एसआईटी ने इस पूरे मामले में जांच करने के बाद 22 जनवरी 2018 को पूर्व मंत्री आजम खान का बयान भी दर्ज किया था। आजम खान ने भर्ती घोटाले पर बयान दिया था कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं, सिर्फ राजनीतिक रंजिशों में उनको फंसाया जा रहा है।
वर्ष 2016 में जल निगम में सहायक अभियंता (122 पद), अवर अभियंता (853) और क्लर्क (367) के 1300 पदों पर वैकेंसी निकली थी।
16 जनवरी 2017 तक इन पदों पर ज्वॉइनिंग की डेट दी गई थी, जबकि सूबे में चार जनवरी 2017 से ही चुनाव आचार संहिता लागू थी।
हालांकि इस पूरे मामले में आजम खान खुद को बेदाग करार देते रहे हैं। एसआईटी की तलबी पर भी कहा था कि उन्होंने नौकरियां दी हैं, कोई गड़बड़ी नहीं की है। इस मामले में राजनीतिक लोग राजनीति के चलते उनका नाम घसीट रहे हैं और जल निगम की भर्तियों को भर्ती घोटाले का नाम दे रहे हैं। फिलहाल जांच कर रही यूपी पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ ने एफआईआर दर्ज कर आजम खान की सभी दलीलों को खारिज कर कानूनी शिकंजा जरूर कस दिया है।