उत्तराखंड में बिना बगावत के सीएम तीरथ सिंह की कुर्सी पर मंडराया खतरा
Jun 25, 2021
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
उत्तराखंड में भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी। संविधान के प्रावधान के मुताबिक, छह महीने के भीतर अगर तीरथ सिंह रावत विधानसभा सदस्य नहीं बनते हैं तो उनको सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। लेकिन संविधान के एक दूसरे प्रावधान ने तीरथ सिंह रावत के कुर्सी पर बने रहने पर सवालिया निशान लगा दिया है।
कांग्रेस यह दावा कर रही है कि नियम के मुताबिक, अगर किसी प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में एक साल बचे हों तो वहां ऐसी सीट पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं जो एक साल की समय सीमा के अंदर रिक्त हुई हों। इसलिए सीएम तीरथ सिंह रावत विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और उनको इस्तीफा देना पड़ सकता है। वहीं भाजपा का दावा है कि चुनाव होने में अभी एक साल से ज्यादा का समय है।
अगले साल 2022 के मार्च में प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है जिसके बाद चुनाव कराए जाएंगे। कांग्रेस इस बात को जोर-शोर से उठा रही है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 151 ए में यह कहा गया है कि जिस प्रदेश में चुनाव होने में एक साल का समय बचा हो, वहां अगर कोई सीट उस अवधि में रिक्त हुई हो तो वहां उपचुनाव नहीं हो सकते हैं। उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो रिक्त हैं। इसी साल अप्रैल में एमएलए गोपाल सिंह रावत के निधन होने पर गंगोत्री सीट खाली हुई। जून में इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद हल्द्वानी सीट रिक्त है। नियम के मुताबिक, इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव मुमकिन नहीं हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ये सीटें एक साल के अंदर खाली हुई हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से जब पूछा गया कि वे किस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि यह हाईकमान तय करेगा। लेकिन अब भी सवाल यही है कि क्या प्रदेश में कोई ऐसी सीट है जहां से सीएम तीरथ चुनाव लड़ सकते हैं? मुख्यमंत्री पौड़ी गढ़वाल के सांसद हैं और अभी तक वे इस पद पर बने हुए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने एक तरफ कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा होने के आसार हैं। तो दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव होने में एक साल से ज्यादा का समय है इसलिए संवैधानिक संकट जैसी कोई बात नहीं है।