सुप्रीम कोर्ट : जज बनी इंदु मल्होत्रा,जस्टिस दीपक मिश्रा ने दिलाई शपथ

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वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बनने वाली इंदु मल्‍होत्रा के नाम भारत के इतिहास में पहली ऐसी महिला होने का गौरव प्राप्त हुआ है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा शुक्रवार को उन्‍हें शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट के 67 सालों के इतिहास में ऐसा तीसरी बार होगा जब सर्वोच्‍च न्‍यायालय में दो महिला जस्टिस एक साथ नजर आएंगी।इन्दु मल्होत्रा को बार से उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश का पद ग्रहण करने वाली पहली महिला हैं|

 

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ये तीसरी बार है कि एक साथ दो महिला जज हैं। जस्टिस इंदु मल्होत्रा के अलावा जस्टिस आर भानुमति अभी शीर्ष अदालत में जज हैं।मल्होत्रा के न्यायाधीश का पद ग्रहण करने के साथ ही उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या अब 25 हो गयी है। शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश सहित कुल न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 31 है।

 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जज बनाने के लिए केंद्र को दो नाम भेजे थे। इनमें से एक नाम इंदु मल्होत्रा और दूसरा नाम उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का था। हालांकि, केंद्र ने दोबारा विचार के लिए जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश लौटा दी थी।कांग्रेस ने न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनाने की कालेजियम की सिफारिश को स्वीकार नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर आज तीखा हमला बोला|

 

पार्टी ने यह भी सवाल किया कि क्या दो साल पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ फैसले की वजह से उनके नाम को मंजूरी नहीं दी गई ? उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी,लेकिन वह इससे निराश हैं कि न्यायमूर्ति जोसेफ की नियुक्ति रोक दी गई है|

 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जज बनाने के लिए दो नामों की सिफारिश की थी। लेकिन केंद्र ने सिर्फ इंदु मल्होत्रा के नाम को ही मंजूरी दी, जबकि उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश लौटा दी थी। इसके पीछे केंद्र ने तर्क दिया कि अगर जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया जाता है तो ये दूसरे वरिष्ठ और योग्य जजों के लिए न्यायसंगत और निष्पक्ष नहीं होगा।गुरुवार को इस पर विवाद खड़ा हो गया।

 

कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जस्टिस जोसेफ ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का आदेश खारिज कर हरीश रावत सरकार को बहाल करने के आदेश दिए थे, इसीलिए सरकार उनके साथ बदले की राजनीति कर रही है।