क्षेत्राधिकारी , कोतवाल व विवेचक पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस , अधीक्षक को दिया प्रार्थना पत्र

 

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज
* धर्मराज सिंह को बचाने वाले पुलिस अधिकारियों की बढ़ी मुश्किलें
अभी हाल में ही हरियावां सीओ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिस कारण वह चर्चा का विषय बने हुए थे। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कृष्ण कुमार का आरोप था कि सीओ हरियावां ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी थी जिसके क्रम में सीओ हरियावां की मिलीभगत से उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है। दिनांक 18/07/2021 को हरदोई पुलिस के मुखिया के पास पुलिस पर ही एफआईआर दर्ज कराने का प्रार्थना पत्र डाक द्वारा भेजा गया है। इस प्रार्थनापत्र में क्षेत्राधिकारी हरियावां शिवराम कुशवाहा , प्रभारी कोतवाली बेनीगंज राजकरन शर्मा ,व विवेचक इरशाद त्यागी पर एफ आई आर दर्ज करें जाने का अनुरोध किया गया है।

उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है कि एक वर्ष पूर्व दर्ज एफआईआर 366/2020 में मुख्य आरोपी भू माफिया धर्मराज सिंह का नाम सी0 ओ0 हरियावां , बेनीगंज कोतवाल ,व विवेचक इरशाद त्यागी ने पैसा लेकर धर्मराज सिंह का नाम निकाल दिया है जिसकी शिकायत भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से की थी जिस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी से जांच कराई व आरोप सही पाए गए तत्पश्चात विवेचना को क्राइम ब्रांच हरदोई को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के उपरांत ट्रांसफर पत्रावली को ही सी0 ओ0 हरियावां , विवेचक इरशाद त्यागी ने गायब कर दिया था जब उन्होंने पुनः शिकायत की तब पत्रावली मिली।

उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि धर्मराज सिंह के खिलाफ जो मुकदमा उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया है उस केस में वह पैरवी कर रहे है इस कारण सी0 ओ0 हरियावां ने उन्हें धमकी दी थी कि ज्यादा पैरवी मत करो नही तो मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेज दूँगा जिसका वीडियो उनके पास मौजूद है उसी धमकी देने के क्रम में तीनों पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से दवाब बनाने के लिए फर्जी मुकदमा पंजीकृत कराया गया है  अधिवक्ता ने बताता की घटना का जो समय एफआईआर में अंकित है उसके सीसी टीवी फुटेज उनके पास मौजूद है जो प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर दिए गए है।

अधिवक्ता ने बताया कि अगर उनकी सुनवाई हरदोई पुलिस नही करती है तो दिनांक 22 जुलाई को वह मुख्यमंत्री आवास पर अपने उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे। अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोपो में कितनी सत्ययता है यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन वायरल वीडियो व धर्मराज सिंह के केस की विवेचना एक साल से अधिक समय व्यतीत हो जाने पर भी विवेचना चल रही है और जो धर्मराज के केस में खुद ही आरोपो के घेरे में है उसकी तहरीर पर अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह पर मुकदमा दर्ज होना पुलिस की कार्यशैली पर एक सवालिया निशान जरूर है।