रिपोर्ट : आशीष गुप्ता , रीडर टाइम्स
बिलग्राम : आज इमामबाड़ा मरहूम डॉक्टर फरजंद अली साहब में इमाम हुसैन के पुत्र के जन्मदिन के शुभ अवसर पर सपा नेता प्रदेश सचिव जनाब अफसर अली भुल्लू की तरफ से पहले नजरों नियाज़ हुई . उसके बाद शायरों ने कलाम पेश किया . अली अकबर है कौन ? जब मोहम्मद साहब इस दुनिया से चले गए तो इमाम हुसैन अपने नाना की याद में हर वक्त आंसू बहाया करते थे . एक दिन मोहम्मद साहब ने अपने नवासे इमाम हुसैन को ख्वाब में आकर तसल्ली दी और कहा बेटा परेशान ना हो मैं अल्लाह से दुआ करूंगा कि तुम्हें मेरी सूरत का एक बेटा अता कर दे .

वक्त गुजरता गया एक दिन वह भी आया कि अल्लाह ने इमाम हुसैन को हुबहू रसूल की सूरत का बेटा आता किया जिसकी जियारत को लोग दूर-दूर से आते थे और इमाम हुसैन को भी जब अपने नाना की याद आती थी तो अपने बेटे को देख लिया करते थे और दिल को सुकून मिल जाता था . जब यजीद पुत्र मुआविया नामी जालिम बादशाह ने इमाम हुसैन को मदीने में रहने नहीं दिया और इमाम हुसैन अपना पूरा घर लेकर कर्बला आ गए . यही वजह थी 10 मोहर्रम की सुबह को अंजाने अली अकबर अ,स से दिलवाई थी ताकि यजीदी फौज मोहम्मद साहब की आवाज सुनकर सुधर जाए लेकिन याजिदयो ने तीन दिन के भूखे प्यासे अली अकबर के सीने पर भाला मारकर शहीद कर दिया .
