ब्राह्मण ही क्यो होता है विधायक के कोप का भाजन


रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
नही हुई अभी तक किसी मामले में कोई कार्यवाही
हरदोई:- अभी लोगो के जहन से विमल मिश्रा को खुलेमंच से सवायजपुर विधायक व उनके भाई सेनानी द्वारा गाली देने का वीडियो जहन से उतरा भी नही  था । एक नया ब्राह्मण महिला को गाली गलौज करने का आरोप विधायक पर फिर लग गया। महिला के आँसू बता रहे है कि महिला को कितना गहरा आघात लगा है लेकिन जिस प्रकार से भाजपा पदाधिकारी ममतां बाजपेयी द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित कोई सबूत महिला के पास मौजूद नही है।  उससे कही न कही सवायजपुर विधायक के खिलाफ यह एक साजिश भी लगती है प्रतीत होता है। लेकिन जब हम विमल मिश्रा को विधायक द्वारा खुलेमंच से गाली गलौच करने के कांड को याद करते है तो महिला के आरोप सच प्रतीत होते है। विधायक को ब्राह्मणों से एलर्जी है या नेताजी सत्ता के नशे में चूर है यह तो विधायक जी ही जाने।

दरअसल सवायजपुर से भाजपा के विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू पर उनकी ही पार्टी की महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष ममता बाजपेयी ने भरी सभा मे अभद्रता गाली गलौच करने का आरोप लगाया है पीड़िता के कथनानुसार नेताजी सहायता समूह में मिले काम को अपने भतीजे राजन को दिलाना चाह रहे थे विधायक जी से जुड़े किस्से अगर हम याद करे तो विधायक बनते ही उनका पुलिस के अधिकारी को धमकाने का ऑडियो वायरल हुआ था

इस ऑडियो प्रकरण में कार्यवाही जब नही हुई तब विधायक जी के हौसके बुलंद हुए और खुलेमंच से किसानों की समस्या से अवगत कराने वाले विशिष्ट अतिथि विमल मिश्रा को गाली देने लगे व जमीन कब्जाने के मामले की कार्यवाही को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। विधायक इस कदर सत्ता के नशे में चूर है कि एक अदने से वीडीसी मेम्बर तक को धमकाने से बाज नही आये और विधायक ही नही विधायक के समर्थक मल्लू त्रिपाठी तक खुलेआम विधायक  का खौफ दिखा कर लोगो को गाली गलौज करते है।

विधायक व उनके गुर्गों पर कार्यवाही न होना उनके हौसलों को बुलंद करता है। और अब ममतां बाजपेयी द्वारा यह धमकाने का आरोप। जिस प्रकार से विधायक जी के किसी भी मामले में कोई कार्यवाही उन पर या उनके समर्थक पर नही हुई है उससे प्रतीत होता है कि सत्ता की शह विधायक को मिल रही है।

विधायक की इस बदजुबानी के कारण शायद सवायजपुर विधानसभा में जिलापंचायत चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होते होते बचा। पिछले प्रकरणों से विधायक को लेकर आमजन मानस में यह धारणा बन गई है कि भाजपा विधायक को ब्राह्मण पसन्द नही है अब इस धारणा में कितनी सच्चाई है यह तो विधायक ही जाने लेकिन विधायक जी के ब्राह्मणों के खिलाफ किस्से लोगो की धारणा को बल जरूर देते है। ममतां बाजपेयी द्वारा लगाए गए आरोपो में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन विमल मिश्रा के प्रकरण में जब सब चीज़े शीशे की तरह होने के बावजूद कार्यवाही न होना सत्ता पर एक सवालिया निशान जरूर है।