रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
आज के प्रकरण से समझा जा सकता है कि किस प्रकार रसूखदार गैरजिम्मेदार माता पिता अपने बच्चे की उस नाजायज़ मांग को भी पूरा कर देते है जो किसी दूसरे के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है। कभी जिस बच्चे की ठिठोली से पूरा घर गूंजता था आज वो बच्चा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है बारह साल का देव विनायक द्विवेदी पुत्र अभय द्विवेदी निवासी अशरफ़ टोला अपना पूरा शरीर हिला भी नहीं सकता है बिस्तर से वो कब उठेगा कोई नहीं जानता।
दरअसल देव विनायक को उसके सामने रहने वाले आराध्य पांडेय पुत्र अमित पांडेय ने एयर गन से दिनांक 21/07/2021 को गोली मार दी। बुलेट उसके सिर की हड्डी तोड़ते हुए सीधे दिमाग में जा घुसी है। जिससे उसके बाएं तरफ का जिस्म काम करना बंद कर दिया है। वर्तमान समय मे देव विनायक का इलाज लखनऊ में चल रहा है। देव विनायक की जान तो बच गई लेकिन उसका एक तरफ का हिस्सा पैरालिसिस हो गया है। विनायक हरदोई जिले के मशहूर जयपुरिया स्कूल का छात्र है। वो आठवीं में पढ़नेवाला एक होनहार छात्र रहा है। साइंस मॉडल के कॉम्पटीशन में उसने नोएडा में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।
लेकिन आज वो लाचार है। ये जुर्म अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। जिस बच्चे ने एयरगन से उस पर गोली चलाई उसके माता-पिता उसके साथ क्यों नहीं थे। इतने छोटे बच्चे को एयरगन देने का तुक क्या था। क्या उसके माता-पिता की ये आपराधिक लापरवाही नहीं है।और इस कृत्य का असली जिम्मेदार कौन है।