गंगा एक्सप्रेस वे में लेखपाल का कारनामा

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
लेखपाल ने चहेते के रकबे को ज्यादा दिखा कर हड़प लिया सरकारी धन पीड़ित काट रहा अधिकरियो के चक्कर एक बात निश्चित रूप से तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ईमानदार कार्यशैली पर किंचित मात्र भी शक नही किया जा सकता है लेकिन हरदोई के बिलग्राम तहसील में तैनात एक ऐसा लेखपाल है जो मुख्यमंत्री की गंगा एक्सप्रेस वे योजना में जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है यह बात हम नही बल्कि बिलग्राम तहसील की जांच रिपोर्ट कह रही है।

दरअसल ग्राम धोन्धी तहसील बिलग्राम निवासी दिनेश कुमार पुत्र माधौराम ने शिकायत की थी कि बिलग्राम तहसील में तैनात लेखपाल लवकेश कुमार ने अपने चहेते सुरेश पाल पुत्र सीताराम निवासी धोन्धी जो लिखापढ़ी में उनका सहयोग करता है की जमीन गाटा सँख्या (1891ख) के रकबे को गंगा एक्सप्रेस वे के संरेखण में अधिक दिखा कर मुख्यमंत्री की योजना में भ्रष्टाचार कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है व हमारे रकबे को कम दिखाया गया है

आपको बताते चले कि दिनेश कुमार द्वारा की गई शिकायत की जांच की गई तो शिकायत सही पाई गई शिकायत पर लगाई गई आख्या यह दर्शाती है कि मुख्यमंत्री की योजना में भ्रष्टाचार हुआ है लगाई गई रिपोर्ट में अनुसार गाटा सँख्या 1891/2 रकबा 0.2550 दिनेश कुमार,वीरेंद्र कुमार पुत्र माधौराम व रामकली पत्नी माधौराम के नाम व गाटा सँख्या 1891/1 रकबा 0.5060 सुरेश पाल पुत्र सीताराम,सुशीला देवी पत्नी सुरेश पाल के नाम दर्ज है। यूपीडा द्वारा प्रस्तावित सूची के अनुसार गाटा सँख्या 1891 में 0.5678 रकबा गंगा एक्सप्रेस वे संरेखण में आता है प्रस्तावित सूची में दिनेश कुमार आदि का रकबा 0.0618 हे0 क्षे0 गंगा एक्सप्रेस वे संरेक्षण में दर्शाया गया है जबकि मौके के कब्जे के अनुसार दिनेश कुमार आदि का सम्पूर्ण रकबा 0.2550 गंगा एक्सप्रेस वे के संरेखण में आता है। जबकि सुरेश पाल आदि का प्रस्तावित सूची में रकबा 0.5060 दर्शाया गया है जब कि सुरेश पाल आदि का 0.3128 हे0रकबा गंगा एक्सप्रेसवे के संरेखण में आता है।

दिनेश कुमार द्वारा की गई शिकायत पर जो जांच आख्या प्राप्त हुई है उस पर कोई भी कार्यवाही अभी तक लेखपाल पर नही की गई है और सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जो रकबा फर्जीवाड़ा कर अपने चहेते सुरेश पाल का दर्शाया गया था उसका पेमेंट भी सरकार से लिया जा चुका है और पीड़ित दिनेश कुमार लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहा और सम्बंधित अधिकारी सिर्फ रिपोर्ट लगाने का खेल खेल रहे है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सब कुछ शीशे की तरह से साफ है उसके बाबजूद लेखपाल लवकेश कुमार पर कार्यवाही क्यो नही की गई।