महेश कुमार की मार से चोटिल बृजनंदन आईसीयू वेंटिलेटर पर खतरे में हुई मृत्यु
Aug 13, 2021
संवाददाता जितेंद्र
रीडर टाइम्स न्यूज़
* स्थानीय महोली पुलिस के संरक्षण के कारण कई दिन के बाद भी मृतक के परिवार से संपर्क नहीं
* समय से पुलिस ने सूचना मिलने पर भी नहीं दर्ज की थी शिकायत
* बृजनंदन की बेटी ने मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों से कार्यवाही मांग करके हार गई
* भृष्टाचारियो व अपराध के विरोध में पीड़िता करेगी आमरण अनशन व आत्मदाह मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा
सीतापुर, थाना तहसील महोली के बड़ागांव में लगभग 55 वर्षीय मीना कुमारी ने मीडिया से बताया, कि महेश कुमार वर्मा नेता मुझसे जबरन मुकदमे वापस लेने के लिए राजी न होने के कारण आये दिन मारा पीटा जाता है और मुझे घर से निकाल दिया गया, जबकि इस सम्बंध में कई प्रार्थना पत्र दिये गए है, मेरे भाई के घर में घुस कर मुझे व मेरे वृद्ध पिता को बार बार मारा पीटा गया है कि मुकदमे वापस कर लो,नही तो जान से मार डालेंगे और किसी से शिकायत की या मदद ली,तो तुम लोगों के हाथ पैर तोड़ डालेंगे,घटित घटनाओं की शिकायतें मय ऑडियो वीडियो व सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने के उपरांत भी महोली पुलिस ने आजतक कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि सत्ता के सम्बद्ध पदेन नेता महेश के कहने पर थाने व चौकी में बुलाकर पीड़िता को गन्दी गन्दी बातों से जलील किया गया और उल्टे सार्वजनिक सभा में कोतवाल संजय पांडे ने धमकियां दी थी।
उपरोक्त सभी मामलों की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी की गई थी लेकिन नेता व मोटी रकम खर्च करने के कारण आजतक कोई भी जांच पड़ताल व कार्यवाही निष्पक्ष न्याय के लिए नही की गई, वर्तमान दिनों में पीड़िता ने जिला मजिस्ट्रेट/ पुलिस अधीक्षक, सीतापुर व अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखकर मांग की थी, कि त्वरित एफआईआर दर्ज करके त्वरित कार्यवाही की जाए ,क्योंकि मारपीट से चोटिल पिता बृजनंदन अस्पताल में आईसीयू वेंटिलेटर पर मौत से जूझ रहे हैं,और पीड़िता की जान जोखिम में है,लेकिन कई दिन बीतने के बाबजूद पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की और न ही पीड़िता से संपर्क किया, जबकि पुलिस की लापरवाही व महेश की मार से सिर में चोट लगने के कारण अस्पताल में पीड़िता के पिता बृजनंदन की मौत हो गई है,पीड़िता मीना कुमारी पुत्री बृजनंदन प्रकाश वर्मा, निवासी ग्राम बड़ागांव थाना महोली सीतापुर ने शिकायत पत्र देकर बताया है कि पिता बृजनंदन उपरोक्त को दिनाँक 03/07/2021 व 01/07/2021 को व बाद में भी,उसके पूर्व में भी बड़ागांव में महेश कुमार वर्मा पुत्र राजाराम वर्मा, अंकुर उर्फ शरद पुत्र प्रवीन,अमन पुत्र प्रवीन व प्रवीन पुत्र राजाराम वर्मा ने मिलकर साजिशन मारा पीटा था, जिसके कारण बृजनंदन के सिर में गंभीर चोटे व मुह से खून भी आया था,
उसी दौरान पुलिस चौकी बड़ागांव में पीड़ित मेरे पिता ने शिकायत पत्र भी दिया था,वह कोतवाल महोली संजय पांडे को भी सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई भी कार्यवाही नहीं की थी,क्योंकि विपक्षी गण सत्ता बीजेपी से सम्बद्ध पदेन नेता महोली खण्ड का महेश कुमार वर्मा हैं,जिस कारण पुलिस उनके इशारों पर कार्य करती हैं और जिनसे भृष्टाचारियो को रिश्वत की पूर्ति भी होती हैं, उपरोक्त घटनाओं से चोटिल होने के कारण मेरे पिता बृजनंदन अत्यंत गंभीर स्थिति में पहुंच गए हैं और उनका बचना अब मुश्किल हो गया और जिन्हें सरकारी अस्पताल शाहजहांपुर से रिफर पीजीआई कर दिया गया था लेकिन पीजीआई व मेडिकल कालेज लखनऊ जगह न मिलने के कारण अन्य अस्पताल में आईसीयू वेंटिलेटर पर खतरे में थे डॉक्टरों ने बचना मुश्किल बताया था, जिसके जिम्मेदार महेश कुमार वर्मा,शरद उर्फ अंकुर, अमन,व प्रवीन हैं,जिनके मारने के कारण मेरे पिता तड़प तड़प कर मरने की स्थिति में है,पीड़िता ने हमेशा कानून व पुलिस पर भरोसा किया,लेकिन पुलिस ने आरोपी दोषी का सहयोग अपने निजी लाभ के कारण करती हैं जिस कारण आये दिन हमले व मारा पीटा जाता रहा औऱ तत्तकाल उपलब्ध घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस ने विपक्षी दोषियों को बचाने के कारण नही निकलवा कर सुरक्षित किये,
इस सब कारणों से पीड़िता को खतरा बना हुआ है और पुलिस की कार्यवाही न होने के कारण पीड़िता को भी जबरन घर से मारपीट के निकाल दिया गया है,अपनी जान बचा कर बड़ी मुश्किल खतरे में है, प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्ञात हुआ कि बृजनंदन के बेटे अजय उर्फ मामा के घर पर से उनकी अनुपस्थिति में सोलर पैनल चोरी महेश कुमार वर्मा द्वारा कर लिए थे,जिसकी सूचना पुलिस को बाहर अस्पताल में होने के कारण मोबाइल पर दी गई थीं, मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर के निर्देश पर चौकी इंचार्ज बड़ागांव ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अम्बरीश यादव की उपस्थिति में पूछताछ की थीं, जिसमें पैनल चोरी की पुष्टि भी हुई थी,पीड़िता का कहना है कि यह कैसा कानून का राज है कि एक पीड़िता महिला अपने अधिकारों के लिए, जीवन की सुरक्षा संरक्षण के लिए अदालत की शरण में नही जा सकती हैं, आरोपी दोषी महेश कुमार वर्मा सत्ता नेता को बाहुबली व धनबली व पुलिस की छूट होने पर भी क्यों कानून की अदालत की कार्यवाही से इतना डर लग रहा है जो कि मुझे व मेरे घर वालो को मार डालने के लिए सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, यदि महेश नेता दोषी व जिम्मेदार नहीं है तो न्यायालय से डरते क्यो हैं,
पीड़िता अपने आरोप के लिए विशेष रूप से मांग की है कि जांच पड़ताल महोली पुलिस के बाहर अन्य अधिकारियों से निष्पक्ष किसी भी जांच एजेंसी से कराई जाए,महोली पुलिस पीड़िता के साथ न्याय होने मे व्यवधान उत्पन्न करने व जान जोखिम में डालने में आरोपी महेश की मददगार है, समाचार के दौरान पुलिस के द्वारा क्या कार्यवाही उपरोक्त घटना के संबंध में हुई हैं ऐसी कोई भी जानकारी प्राप्त नही हो सकी है,पीड़िता व पीड़िता के पिता की जान खतरे में होने के कारण अपनी उपस्थिति की जानकारी सुरक्षा की दृष्टि से गोपनीय रखा है,उपलब्ध साक्ष्यों ने पुलिस की कार्यशैली व महेश कुमार नेता के अपराधों पर प्रश्नचिन्ह लगाया है कि ऐसा कोई न कोई सत्ता का बड़ा नेता अवश्य संरक्षण करवा रहे है, इसी कारण पीड़िता के पिता को अपने जीवन में अब न्याय मिलना मुश्किल हो गया है,बृजनंदन का हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर ही निधन हो गया ,
इस प्रकरण आज कई दिन हो गए, पीड़ित व्यक्ति ब्रजनंदन मौत के मुंह में पहुचा दिया, लेकिन उसके बाबजूद पीड़ित परिवार से पुलिस ने शिकायत के बाबजूद अभी तक संपर्क नहीं किया ,अब पीड़िता के पास बार बार फरियाद करने पर भी सुनवाई न होने से, अब पीड़िता जिला प्रशासन व पुलिस के भ्र्ष्टाचार व महेश नेता के अपराधों के विरुद्ध आमरण अनशन करने पर विवश है और आत्मदाह भी कर सकती हैं,मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा,पीड़िता विवश हैं,आखिर क्या करें, उसके पिता को मौत के मुंह में पहुचा दिया और अब पीड़िता के साथ भी पुलिस की मिलीभगत से मौत के लिए महेश नेता को छूट दे रखी है, इससे बेहतर है कि विपक्षी के हाथों से मौत न मिलकर आत्मदाह कर लेगी, कितनी गंभीर व संवेदनशील है सीतापुर पुलिस की कार्यशैली?समझ सकते है?पीड़िता का पिता दुनिया से चला गया लेकिन पुलिस भ्र्ष्टाचार का पेट नही भरा?आखिर ऐसी कौन दवाब हैं जो मृतक को जब मारा पीटा गया था चोटिल था तब भी और आज भी एक एनसीआर तक पुलिस ने नही दर्ज किया, क्या आरोपी दोषी कानून से ऊपर है? यह सब जंगलराज को प्रदर्शित करता है?क्या पुलिस पूरे परिवार को खत्म करवाने में लगी हुई हैं?जानकारी के लिए समझ लीजिए जो इंस्पेक्टर महोली संजय पांडे एसडीएम महोली को गाली दे कर बात करे और उसका ट्रांसफर तक न हो वह कितना घमंड में होगा,फिर एक साधारण पीड़िता की क्या सुनेगा,वह भी सत्ता के नेता के आगे,इंस्पेक्टर रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी,जिस दिन घटना हुई थी उनकी सूचना स्वयं पीड़ित व मेरे द्वारा पुलिस चौकी में दी गई थी।
अब देखना यह होगा कि सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ अपराध में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर ध्यान दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के लक्ष्य कदमों पर चलकर जिले के मुखिया पुलिस अधीक्षक आर पी सिंह त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ महोली कोतवाली संभाल रहे कोतवाल संजय पांडे सीएम साहब व एसपी साहब के मंसूबों पर पलीता लगा रहे हैं देखना है कि सुबे के मुखिया व जिले के मुखिया पीड़ित परिवार को क्या न्याय दिलाते हैं।