डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को यह चिंता होती है कि उसका बच्चा पूरे नौ महीनें के बाद सुरक्षित और हेल्दी पैदा हो लेकिन कभी-कभी हेल्थ प्राॅब्लम की वजह से कुछ महिलाओं की समय से पहले ही डिलीवरी हो जाती हैं। जिसकी वजह से शिशु प्रीमैच्योर होता है। समय से बहुत पहले पैदा हुए कई शिशु में शारीरिक संबधी समस्याएं होने लगती है और ऐसे में प्री मैच्योर बेबी का ध्यान रखना बहुत कठिन हो होता है।
प्री-मैच्योर डिलीवरी के मामलों को घटाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई तरह की रिसर्च की है जिनमें से एक रिसर्च का कहना है कि ऐसी प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा घटाना है तो गर्भवती मांओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही कुछ देर धूप में बैठना चाहिए। ऐसा करने से 10 फीसदी तक प्री-मैच्योर डिलीवरी से बचा जा सकता है। रिसर्च करने वाली एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि स्कॉटलैंड में गर्भवती महिलाएं धूप में बहुत कम ही निकलती हैं, ऐसी महिलाओं में 10 फीसदी प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा अधिक रहता है, और जिससे बच्चे की मौत का खतरा बढ़ जाता है।