दिल्ली : डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार व्यापारियों को कैशबैक और ग्राहकों को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर छूट देने जैसे एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिसमें डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों को एमआरपी पर छूट (डिस्काउंट) दिया जाए. यह छूट 100 रुपये अधिकतम रखी जा सकती है.
इस परिषद में सभी राज्यों के वित्तमंत्री शामिल हैं एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली इसके अध्यक्ष हैं. सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में विचार-विमर्श किया गया. इस बैठक में व्यापारियों को कैशबैक के अलावा टैक्स क्रेडिट लेने के विकल्प पर भी विचार किया गया. वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों को कैशबैक की सुविधा दी जा सकती है जो डिजिटल माध्यम से किए गए कारोबार के स्तर पर आधारित होगी. लेकिन राजस्व विभाग ने कैशबैक के विकल्प को चुना क्योंकि इसे लागू करना आसान है. प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में प्रत्यक्ष कर की ओर से भी डिजिटल लेनदेन के लिए किसी तरह का प्रोत्साहन देने के विकल्प पर भी विचार किया गया.
4 मई को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव आ सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में PMO में एक हाई लेवल मीटिंग हो चुकी है। इस दौरान तीन प्रस्तावों पर विचार किया गया, जिससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिले। इसमें कैशबैंक के अलावा कारोबारियों को डिजिटल मोड में कारोबार के हिसाब से टैक्स क्रेडिट देने की संभावना पर भी विचार हुआ।
रेलवे काउंटरों पर होगा QR कोड
इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आई.टी. मिनिस्ट्री को डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने का जिम्मा दिया गया है। पिछले हफ्ते मंत्रालय की एक समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अधिकारियों को 2 अक्टूबर से कैंपेन शुरू करने का निर्देश दिया था। रेल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने अपने सभी टिकट और रिजर्वेशन काउंटरों को डिजिटल पेमेंट लेने लायक बनाने का निर्णय किया है। नई गाइडलाइंस के तहत भारत क्यूआर कोड देश में सभी 14 लाख रेलवे काउंटरों पर दिखेगा। हम अपने टिकट काउंटरों पर आधे ट्रांजैक्शंस को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’ रेलवे के टिकट सेंटरों, पासपोर्ट ऑफिसों, बस और मेट्रो टिकट काउंटरों को भारत क्यूआर के जरिए पेमेंट्स लेने को कहा जा सकता है।
रेवेन्यू डिपार्टमेंट कैशबैक आइडिया के फेवर में
रेवेन्यू डिपार्टमेंट कैशबैक वाले आइडिया के फेवर में है। उसका कहना है कि इस विकल्प लागू करना आसान होगा, इसके अलावा इसमें गड़बड़ी गुंजाइश भी नहीं होगी। कारोबारी इस योजना में अपने कारोबार में डिजिटल पेमेंट का विवरण देंगे और उसके हिसाब से उनका कैशबैक उनके बैंक खाते में भेज दिया जाएगा।
GST काउंसिल में होगा फैसला
सूत्रों का कहना है कि अगर कारोबार में टर्नओवर के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाएगा तो इससे इनडायरेक्ट टैक्स डिपार्टमेंट ज्यादा अच्छी तरह केशन प्रोत्साहन दे सकेगा। हालांकि इस बात पर फैसला GST काउंसिल में ही होगा।
डायरेक्ट टैक्स पर भी छूट को लेकर हुआ था विचार
PMO में हुई मीटिंग के दौरान डिजिटल मोड में डायरेक्ट पर भी प्रोत्साहन देने के लिए योजना पर विचार हुआ था, लेकिन विभाग ने इसमें उत्साह नहीं दिखाया। सूत्रों के अनुसार डायरेक्ट विभाग का कहना था कि वह कैश डीलिंग नहीं करना चाहता है। इसकी जगह विभाग चाहता है कि छोटे कारोबारियों के लिए अनुमानित कराधान योजना में टैक्स की दर को 8 से घटा कर 6 फीसदी कर दिया जाए , टैक्स उनको डिजिटल रेवेन्यु या बैंकिंग चैनल से हुए कारोबार पर यह छूट दी जाए।