Home अलग हट के 356 रानियों का इकलौता पति था ये राजा ; रात गुजारने के लिए करता था … ऐसे फैसले
356 रानियों का इकलौता पति था ये राजा ; रात गुजारने के लिए करता था … ऐसे फैसले
Sep 14, 2021
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
दुनिया भर में बहुत से ऐसे राजा हैं जो अपनी राज पाठ को लेकर बहुत शौक़ीन होते हैं . जिनकी एक नहीं अनेक रनिया होती हैं . जो अपनी हर एक रानियों को पूरे राजपाठ का कुछ न कुछ देते ही रहते हैं . राजा रजवाड़ो का एक अपना ही एक शासन रहता था . पूर्ण समय के राजा बहुत से विवाह करते थे क्योकि राजाओ के राजमहल बहुत ही बड़े व कोसो दूर तक बने रहते थे .
अधिकतर लोगो को पता है की गोरे लोगो से पहले हमारे भारत देश में राजा रजवाड़ो का राज हुआ करता था। राजाओं के अपने अनोखे रॉयल जीने का तरीका हुआ करता था। यहां तक कि वो एक – दो नहीं , बल्कि कई शादियां करते थे और कई औरते बिना शादियों के रखते थे। ऐसे ही एक राजा पटियाला स्टेट के थे भूपिंदर सिंह, जिनकी 365 रानी थी। आइये जानते है इनके बारे में कुछ खास बातें .
राजा की 365 रानियां थी पटियाला स्टेट के राजा थे राजा भूपेंद्र सिंह। राजा भूपिंदर सिंह साल 1900 से लेकर साल 1938 तक पटियाला में राज किया। इस दौरान राजा भूपिंदर सिंह ने 38 साल तक राज किया। वहीं राजा की कुल 365 रानियां थी, जिनके लिए राजा ने अलग-अलग कई भव्य राजमहल बनवा रखे थे। इनके जीवन में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि वो कुछ बहुत अलग तरह से इस बात का फैसला किया करते थे कि उन्हें किस अपनी रानी के साथ कब रात गुजरानी है .
ऐसे करते थे फैसला राजा भूपिंदर सिंह के महल में बहुत सारे लालटेन जला करते थे। लेकिन सबसे जरूरी बात ये थी कि वो अपनी 365 रानियों के लिए राजा भूपिंदर सिंह अलग से लालटेन जलवाते थे। इन सभी लालटेन में सभी रानियों के नाम अलग अलग लालटेन में होते थे। वहीं ये लालटेन रात भर जला करती थी और जब सुबह सुबह जो लालटेन सबसे पहले बुझ जाती थी, उस लालटेन में लिखे रानी के नाम को राजा पढ़ते थे और फिर राजा भूपिंदर सिंह उस रानी के साथ आने वाली रात बिताते थे .
10 एकड़ क्षेत्र में फैला है किला महाराजा भुपिंदर सिंह का महल पटियाला शहर के बीचोबीच 10 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। मुख्य महल, गेस्ट हाउस और राजा का दरबार हॉल इस किले के परिसर के प्रमुख भाग हैं। इस परिसर के बाहर दर्शनी गेट, शिव मंदिर और दुकानें हैं। इन दोनों महलों को बड़ी संख्या में भीत्ति चित्रों से सजाया गया है, जिन्हें महाराजा नरेन्द्र सिंह की देखरेख में बनवाया गया था। राजा का किला मुबारक के अंदर बने इन महलों में 16 रंगे हुए और कांच से सजे हुए चैंबर हैं।