नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। इस सूची में भारत के 14 शहर शामिल है। सूची में सबसे पहले नंबर पर कानपुर है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति काफी खराब है। वहीं पिछले साल भारी स्मॉग का सामना कर चुकी दिल्ली इस लिस्ट में छटे स्थान पर है। 2015 में दिल्ली का स्थान चौथा था। WHO की ताजा आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 ऐनुल ऐवरेज 143 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है जो नेशनल सेफ स्टैंडर्ड से तीन गुना ज्यादा है।
बिहार के तीनों सबसे प्रदूषित शहर गया, पटना और मुजफ्फरपुर के मुकाबले दक्षिण भारत के शहरों की आबादी ज्यादा है. बेंगलुरू, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहर आबादी के लिहाज से बड़े हैं लेकिन बेहतर अरबन प्लानिंग और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से इन शहरों को प्रदूषण की समस्या से जूझना नहीं पड़ रहा है|
हालांकि कई लोगों को मानना है कि इन शहरों की बदहाली के पीछे जनसंख्या घनत्व अहम कारक हैं |लेकिन दुनिया के कई ऐसे शहर हैं, जोे उच्च जनघनत्व के बावजूद प्रदूषण की समस्या से कोसों दूर हैं|सिंगापुर दुनिया का आठवां सबसे अधिक जनघनत्व वाला शहर है. जिसका जनसंख्या घनत्व 10,282 प्रति वर्ग किलोमीटर है| अपने बेहतरीन मैनेजमेंट की बदौलत यह दुनिया का पसंदीदा ‘टूरिस्ट स्पॉट’ है|
ये है प्रदूषित शहरों की लिस्ट
1. कानपुर
2. फरीदाबाद
3. वाराणसी
4. गया
5. पटना
6. दिल्ली
7. लखनऊ
8. आगरा
9. मुजफ्फरपुर
10. श्रीनगर
11. गुरुग्राम
12. जयपुर
13. पटियाला
14. जोधपुर
15. अली सुबह अल सलीम (कुवैत)
क्या है उपाय
1. उद्योग : क्लीन टेक्नोलॉजी के जरिये उद्योगो से होने वाले प्रदूषण को काबू पाया जा सकता है| अरबन और एग्रीकल्चर वेस्ट का बेहतर प्रबंधन करने की जरूरत है|
2. एनर्जी : क्लीन उर्जा खासतौर से प्राकृतिक उर्जा का इस्तेमाल कर काफी हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है|
3. ट्रांसपोर्ट : परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर और साइकिल के इस्तेमाल पर जोर देकर प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है|
4. अरबन प्लानिंग : बिल्डिंग की एनर्जी इफेसियेंसी बढ़ा और शहरों को ग्रीनरी बढ़ाकर इन खतरों से निबटा जा सकता है|