डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
सीबीएसई , आइसीएसई व यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसों में भी शिक्षा दी जाएगी। मदरसा छात्र उर्दू व अरबी तो पढेंगे ही। इसके साथ अंग्रेजी व विज्ञान में भी माहिर होंगे । मदरसों में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद चल रही है। प्रदेश भर के मदरसों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसके आधार पर मदरसों का कायाकल्प किया जाएगा। यह जानकारी उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि वे शिक्षणेतर कर्मचारी एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया की ओर से मदरसों की समस्याएं और उनका हल विषय पर कुलीबाजार स्थित कौमी दानिशगाह गर्ल्स स्कूल में आयोजित सेमिनार में शिरकत करने आए थे।
उन्होंने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण का लाभ मदरसा छात्रों को मिलेगा। इस दौरान शिक्षणेतर कर्मचारी एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के अध्यक्ष हसीब अख्तर ने मदरसा शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याएं उठाईं। उन्होंने कहा कि मदरसों में दी जाने वाली उच्च शिक्षा के विषयों के के अनुरूप शिक्षकों के पद नहीं है। मैनेजर्स एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के जनरल सेक्रेटरी डा. रशीद अनवर सिद्दीकी ने कहा कि वर्ष 2015-16 के बाद नए मदरसों को मान्यता नहीं दी गई है। मदरसों को मान्यता दिलवाई जाए।
इन मांगों को रखा गया…
👉 मदरसों में शिक्षकों की पदोन्नति की जाए,रिक्त पदों को भरा जाए।
👉 महिला शिक्षिकाओं, शिक्षणेतर कर्मचारियों को प्रसूति एवं बाल्य देखभाल अवकाश दिया जा।
👉 मदरसा शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाये।
👉 मदरसा शिक्षकों को राज्य कर्मियों की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाए
👉 पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए।
👉 मदरसा शिक्षकों के प्रोन्नति वेतनमान में 20 वर्ष की शर्त समाप्त की जाए।