पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्र कैद की सजा

 

आर के मिश्रा
ब्यूरो चीफ रीडर टाइम्स न्यूज़
कोर्ट से उम्रकैद की सजा होने के बाद शुक्रवार की रात करीब नौ बजे जिला जेल पहुंचे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति बहुत भावुक थे। जेल के भीतर पहुंचे गायत्री फफक कर रो पड़े। जेल प्रशासन ने उन्हें जेल अस्पताल पहुंचाया। जेल अस्पताल के प्रभारी डिप्टी जेलर के अलावा दो जेलजर्मी सुरक्षा में लगाये गए हैं।

नाबालिग से गैंगरेप में अंतिम सांस तक उम्रकैद…
गायत्री प्रसाद प्रजापति एवं उसके दो सहयोगी अशोक तिवारी एवं आशीष शुक्ला को एमपी/ एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इन्हें सामूहिक दुराचार एवं नाबालिक के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामलों में दोषी माना है। तीनों को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा के साथ ही दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सभी आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक दुराचार एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत पूर्ण रूप से अपराध सिद्ध होता है। दोषियों द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है जिसका समाज पर व्यापक असर पड़ता है। मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने धारा 376 डी, 354ए(1), 509, 504, 506 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 5जी धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था।

कुछ गवाहों पर सहयोग न करने का आरोप
निर्णय सुनाए जाने के समय जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी के साथ-साथ मुकदमे की पैरवी करने वाले सरकारी वकील मौजूद थे। अदालत साक्षी पीड़िता, साक्षी राम सिंह, अंतिम साक्षी अंशु गौड़ के प्रति संतोषजनक नहीं रही। इन गवाहों पर न्यायालय का सहयोग न करने, समय से साक्ष्य पेश न करने और कोर्ट के सामने झूठ का साथ देने का भी आरोप लगा।