डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
वैवाहिक जीवन में सेक्स सुखद, आनंददायक और सफल हो , लेकिन अक्सर देखा गया है कि सेक्स के प्रति अरुचि जतलाकर, उसे नकारकर अपने समूचे दांपत्य को प्रायः स्त्रियां तहस-नहस कर देती हैं। भले ही इसके पीछे कुछ भी कारण हो, जैसे- समय की कमी , थकान , घर और दफ्तर के काम का प्रेशर, पारिवारिक जिम्मेदारी, वैचारिक मतभेद आदि। ऐसे में सेक्स की संजीवनी के अभाव में कपल्स आपसी प्रगाढ़ता से दूर और अजनबी होते जाते हैं।
सेक्स दांपत्य जीवन की जरूरत है…
सेक्स दांपत्य जीवन की ऐसी जरूरत है,जो दिलोदिमाग, तन-मन के तालमेल से संपादित हो संपूर्णता का सफ़र तय करती है। पर इसमें नवीनता की भी जरूरत होती है, यह बात अक्सर कपल्स भूल जाते हैं और यही नीरसता वैवाहिक संबंधों की दूरियों का कारण बनती है।
सेक्स दांपत्य जीवन का मुख्य आधार है…
विवाह के शुरुआती दिनों में जहां पति-पत्नी के बीच सेक्स शारीरिक आकर्षण का मुख्य आधार रहता है, वहीं इसमें ताजगी भी रहती है, पर धीरे-धीरे नई व्यवस्थाओं, जिम्मेदारियों के चलते ये कब कहां दरक जाएं, कपल्स खुद नहीं जान पाते। अधिकांश पत्नियां दिन भर तमाम घरेलू दायित्व बखूबी से निभा लेती हैं, लेकिन बिस्तर पर थकावट, परेशानियों का रोना रोने बैठ जाती हैं और चाहती हैं कि कोई उनसे छेड़छाड़ न करें। जबकि पति थकान के बावजूद सेक्स द्वारा इस थकान से मुक्ति पाने की लालसा रखते हैं।