रेपिस्ट को अब फांसी के साथ मिलेगी नपुंसकता की सजा, PMO ने मंत्रालय को भेजी याचिका

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नई दिल्ली:– देश में बढ़ रहे रेप के मामले में केंद्र सरकार ने पास्को एक्ट में संसोधन करते हुए बच्चियों पर हो रहे रेप केस में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है| लेकिन उससे भी लोगो को अभी संतुष्टि नहीं मिली है| बताया जा रहा है कि अब रेप के केस में फांसी से भी खौफनाक सजा का प्रावधान करने कि मांग की गयी है| और इस बात पर पीएमओ ने रिपोर्ट भी भेजी है|

महिला वकीलों ने उठाई मांग
दरअसल नाबालिगों के खिलाफ यौन शोषण की बढ़ती वारदातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों ने मांग की है कि फांसी की सजा के साथ-साथ रेप के दोषियों के लिए रासायनिक तौर पर नपुंसक बनाए जाने की सजा का प्रावधान भी बनाया जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने महिला वकीलों की इस याचिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजकर इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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आये दिन यौन शोषण के बढ़ते मामले
बतादें कि केंद्र सरकार ने भले ही पॉस्को एक्ट मेंस संशोधन कर बच्चियों से रेप के आरोपियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान कर दिया हो लेकिन अभी भी इससे कुछ लोग संतुष्ट नहीं है। कारण यह है कि बच्चियों ने रेप के मामले के आरोपी को ही फांसी की सजा का ऐलान किया है, ऐसे में महिलाओं और किशोरियों से रेप के आरोपियों के लिए भी सख्त सजा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों के संगठन SCWLA ने पीएमओ को याचिका भेजी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2017 के आंकड़े भी साफ दर्शाते हैं कि बच्चों के खिलाफ रेप और यौन शोषण के मामलों में बेहद तेजी से बढ़ोतरी हुई है. बल्कि बच्चों के खिलाफ हर तरह के अपराधों में वृद्ध दर्ज की गई है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 की तुलना में 2017 में बच्चों के साथ रेप की घटनाओं में 82 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

POCSO एक्ट में संशोधन को मंजूरी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके जवाब में कहा कि इस प्रार्थना पत्र को उचित कार्यवाही के लिए आगे फॉरवर्ड कर दिया गया है। जल्द ही इस संबंध में जवाब भेज दिया जाएगा। बता दें कि जम्मू के कठुआ और उत्तर प्रदेश के एटा में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया। जिसके बाद सरकार ने नाबालिग बच्चियों से रेप करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया गया था। POCSO एक्ट में संशोधन को मंजूरी मिलने से 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो गया।