मिश्रित नैमिषारण्य तीर्थ के लिए लखनऊ से सीतापुर तक जल्द शुरू होगी इलेक्ट्रिक बस और हेलिकॉप्टर सेवा

शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज़
नैमिषारण्य को वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को योजना बनाकर कार्य करने के दिए निर्देश
लखनऊ / काशी , अयोध्या और मथुरा के तर्ज पर अब मिश्रित नैमिष धाम भी संवरेगा। मिश्रित नैमिषारण्य को वैदिक शहर , आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। मिश्रित नैमिषारण्य तीर्थ तक पहुंचने के लिए जल्द लखनऊ से सीतापुर तक इलेक्ट्रिक बस और हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू की जाएगी। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सीएम योगी के निर्देश पर नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए चार चरणों में कार्य योजना बनाई गई है। इसके अनुसार प्रमुख परियोजनाओं में पहले फेज में चक्र तीर्थ , मां ललिता देवी मंदिर , मिश्रित दधिचि कुंड और सीता कुंड का विकास किया जाएगा।

दूसरे फेज में दधिचि कुंड , रुद्रावर्त महादेव , देवदेश्वर मंदिर और काशी कुंड का विकास किया जाएगा। इसके अलावा शहरी और क्षेत्रीय विकास के लिए अलग से कार्य योजना तैयार की गई है।सीएम योगी ने मिश्रित नैमिषारण्य के सभी कुंडों में स्वच्छ जल की उपलब्धता , चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार , दधीचि कुंड और मां ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण कराने के निर्देश दिए हैं। मिश्रिख नगर पालिका के सीमा विस्तार भी किया जाएगा। इसके अलावा मिश्रित नैमिषधाम के 05, 14 और 84 कोसी परिक्रमा पथ का विकास भी किया जाएगा। सीएम योगी ने पर्यटन विकास और सुंदरीकरण के कार्यों के लिए आवश्यकतानुसार भूमि अधिग्रहण करने और सुविधाजनक यात्री निवास , प्रकाश व्यवस्था , पार्किंग सुविधा और सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम रखने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश पर मिश्रित नैमिषधाम में पर्यटन विकास के लिए पर्यटन , नगर विकास , पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग मिलकर ठोस कार्य योजना तैयार करेंगे। पर्यटन विभाग द्वारा मिश्रित नैमिषधाम के लिए सुविधाजनक पर्यटन पैकेज तैयार किया जाएगा।

मिश्रित नैमिषारण्य तीर्थ सनातन धर्म के करोड़ों लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है और 88,000 ऋषियों की तपोस्थली मिश्रित नैमिषारण्य के समग्र विकास के लिए सरकार संकल्पित है। यहां मां ललिता देवी मंदिर , मिश्रित दाधीच कुंड नैमिष चक्रतीर्थ , व्यास गद्दी , सूत गद्दी , हनुमान गढ़ी सहित कई पौराणिक और आध्यात्मिक दर्शनीय स्थल हैं। यहां मास की हर पूर्णिमा , अमावस्या , नवरात्र और फाल्गुन की चौरासी कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु आते हैं।