एक बार फिर सियासी गर्मियां बढ़ने लगीं है. अभी तक प्रदेश में अच्छा काम कर रही सपा सरकार में आतंरिक घमासान शुरू हो गया है . गरमा गर्मी ही हद यहाँ तक पहुँच गयी है की शिवपाल यादव ने पहले कैबिनेट से इस्तीफा दिया, उसके थोड़े ही देर बाद अध्यक्ष पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया. सूत्रों के मुताबित उनकी पत्नी और बेटे ने भी अहम पदों से इस्तीफा दे दिया है.
किन किन पदों पे थे शिवपाल की पत्नी और बेटा :-
- शिवपाल की पत्नी सरला यादव इटावा में डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक की चेयरपर्सन के पोस्ट पर अप्वाइंट थीं।
- शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को-ऑपरेटिव फेडरेशन की चेयरमैन की पोस्ट पर अप्वाइंट थे।
इस्तीफ़ा देने के कुछ ही देर बाद खबर आई की अखिलेश ने शिवपाल का मंत्रिपद से इस्तीफ़ा नामंजूर कर दिया है, हालाकि इस्तीफे की नामंजूरी का कोई अधिकारिक दस्तावेज़ अभी तक शिवपाल के पास नहीं पहुंचा है.
कितने MLA मौके पर साथ में :-
इस्तीफे की खबर आते ही शिवपाल के आवास पर सपोर्टर्स का हुजूम जमा हो गया है, जो बढ़ता ही जा रहा है . मौके पर शिवपाल के समर्थन में 20 MLA पहुँच गए हैं और अभी MLA लगातार बढ़ते जा रहे है, अब शनिवार की सुबह ही एक दम साफ़ हो पायेगा कि असल में कितने MLA साथ में है.
आखिर क्यूँ किया ऐसा अखिलेश ने :-
-सबसे पहले चीफ सेक्रेटरी को अखिलेश यादव ने हटा दिया था, जिससे बवाल शुरू हुआ था, बताते चलें कि चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल शिवपाल यादव के करीबे माने जाते है . उसके बाद मुलायम सिंह ने अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा कर शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.
-प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाये जाते ही अखिलेश ने शिवपाल यादव के 9 विभागों में से 7 विभाग वापस ले लिए .
-विभाग वापस लेते ही सम्मान की लड़ाई शुरू हो गई . मुलायम सिंह ने अखिलेश और शिवपाल को बुधवार को दिल्ली में मिलने को बुलाया. शिवपाल तो पहुँच गए पर अखिलेश नहीं पहुंचे .
-उसके बाद मुलायम सिंह ने लखनऊ आकर सभी से मुलाकात करी पर अखिलेश अपने फैसले पर जस के तस अड़े रहे.
क्या किया राम गोपाल ने ?
-अखिलेश को मनाने के लिए रामगोपाल अखिलेश से मिले और बात करी . रामगोपाल ने यह भी कहा की अखिलेश को बिना बताये प्रदेश अध्यक्ष के पद से नहीं हटाना चाहिए था. उनसे आगामी चुनाव को देखते हुए इस्तीफ़ा भी लिया जा सकता था .
-मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी लोगों की वजह से ये साड़ी स्थिति कड़ी हुई है . उन्होंने कोई नाम नहीं लिया , लेकिन जानकारों की माने तो इसका सीधा इशारा अमर सिंह की ओर था .
ये घमासान अभी किसी निष्कर्ष पे नहीं पहुंचा है, पर अब देखना यह है की शनिवार का सूरज अपने साथ क्या ले कर आता है . क्या कोई फैसला देखने को मिलेगा और यह खेल अभी और लम्बा चलेगा .