Home राज्य उत्तरप्रदेश सीतापुर – शर्दीय पूर्णिमा की चंद्र किरणों मे : विराजे श्री कनक बिहारी जू सरकार ,
सीतापुर – शर्दीय पूर्णिमा की चंद्र किरणों मे : विराजे श्री कनक बिहारी जू सरकार ,
Oct 10, 2022
संवाददाता अभिषेक मिश्रा
रीडर टाइम्स न्यूज़
परिसर शिवपुरी सीतापुर अवध में श्री कनक भवन बिहारिणी बिहारी जू के अद्भुत एवं अलौकिक शरद पूर्णिमा दरबार.. जै जै सिया राम जी !! चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही है. जल थल मे! स्वच्छ चंदिनी बिछी हुई अवनी और अम्बर तल मे!!..शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओ से परिपूर्ण होता है और आज ही के दिन यानी अक्षय तृतीया से शरद पूर्णिमा तक श्री कनक बिहारी जू सरकार जी को गर्मी मे शीतलता प्रदान करने के लिए राजभोग आरती घी बाती के स्थान पर पुष्पों से की जाती है . आज शरद पूर्णिमा पर राजभोग आरती पहले पुष्पों से की जाती है और बाद मे शाम से घी बाती से होगी. शरद उपरांत राजभोग आरती अब घी बाती से होगी . शर्दीयपूर्णिमा की शाम से ले कर अक्षय तृतीय यानी राम नवमी की दोपहर तक होती है! मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन चंद्रमा की किरणों में उपचारी गुण होते हैं. जो शरीर और आत्मा को पोषण देते हैं. यह भी माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत निकलता है .
इसलिए उसका लाभ लेने के लिए खीर को रात में चन्द्रमा की रोशनी में रखा जाता है. इसके बाद सुबह के समय खीर का प्रसाद के रूप में सेवन किया जाता है . कृष्ण ने किया था महा-रास.अवध क्षेत्र में शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा (रस पूर्णिमा) के रूप में भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने दिव्य प्रेम का नृत्य ‘महा-रास’ किया था. शरद पूर्णिमा की रात कृष्ण की बांसुरी का दिव्य संगीत सुनकर . वृंदावन की गोपियां अपने घरों और परिवारों से दूर रात भर कृष्ण के साथ नृत्य करने के लिए जंगल में चली गई थीं. यह वह दिन था जब भगवान कृष्ण ने हर गोपी के साथ कृष्ण रूप में रास किया था. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने उस रात को लंबा कर दिया था और वह रात इंसानी जीवन से अरबों साल के बराबर थी.