Home राज्य उत्तरप्रदेश हरदोई के सेंट जेम्स स्कूल का ड्राइवर नशे की धुत चला रहा था : स्कूल बस ; ट्रैफिक पुलिस की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा ,
हरदोई के सेंट जेम्स स्कूल का ड्राइवर नशे की धुत चला रहा था : स्कूल बस ; ट्रैफिक पुलिस की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा ,
Oct 15, 2022
शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज
सरकार एवं शासन प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं सुधर रहे हैं. स्कूल संचालक लगातार कर रहे हैं. बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ हरदोई के नामी-गिरामी स्कूल सेंट जेम्स स्कूल की बस बच्चो से खचाखच भरी थी . बस को शराब के नशे में धुत्त डाइवर चला रहा था . जब बस हरदोई के अमर जवान चौराहे से गुजरने के लिए निकली तो बस रोड के किनारे रखी दुकानों से टकराने की स्थिति में आ गई . नशे में धुत ड्राइवर गाड़ी को संभाल नहीं पा रहा था . तभी अचानक वहां पर ट्रैफिक पुलिस की नजर पड़ी उन्होंने जब बस को रुकवा कर उसकी छानबीन की तो देखा कि बस का ड्राइवर पूरी तरीके से नशे में धुत था . उस ड्राइवर को अपना ही होश नहीं था . तब वह बस कैसे चला रहा था उसको खुद पता नहीं ईश्वर की कृपा से पुलिस की नजर से सभी बच्चों की जान बाल-बाल बच गई और एक बड़ा हादसा होने से टल गया . नशे की हालत में जब ड्राइवर से बात कर जानने की कोशिश की तो ड्राइवर बदतमीजी करने लगा उसको बोलने तक की नशे की वजह से ताकत नहीं बची थी उसके कदम एवं जुबान लड़खड़ा रहे थे यह घटना सिर्फ हरदोई के सेंट जेम्स के स्कूल की नहीं है . हरदोई के तमाम ऐसे स्कूल आजकल सिर्फ पैसा पैदा करने का एक अड्डा बन चुके हैं जो मनमाने तरीके से बच्चों के गार्जियन से पैसा खींचने का काम करते हैं उनको उनकी पढ़ाई लिखाई एवं जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं होता है आए दिन स्कूल प्रशासन सिर्फ फीस बढ़ाने का कार्य करता है फिर चाहे वह ट्यूशन फीस हो या बस की फीस उसको तो बस एक मौका चाहिए पैसा खींचने के लिए बच्चों की जिंदगी से उनको कोई मतलब नहीं है कई बार हरदोई के सेंट जेवियर स्कूल की भी बसों में बच्चे को खचाखच भरे हुए देखे गए . गार्जियन ने इसकी शिकायत जब स्कूल प्रशासन से की तो प्रबंधक ने सिर्फ आश्वासन देकर टाल दिया ऐसी स्थिति में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है ईधर करो ना जैसी बीमारी का फिर से बम फूटने लगा है अभी हाल में ही चीन में 5 शहरों में करो ना बहुत तेजी से बढ़ने लगा है न तो बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क की सलाह दी जाती है ना ही प्राथमिक उपचार की किसी स्कूल में कोई व्यवस्था की गई सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर पेरासिटामोल की गोली दे दी जाती है और अगर स्कूल में कोई बच्चा बेहोश हो गया या गिर गया चोट लग गई तो सिर्फ गार्जियन को फोन कर बच्चे को सौंप दिया जाता है . हरदोई के नामी स्कूल सेन्ट जेम्स की बस वाहन संख्या UP30 AT 3835 है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन इस को कितनी गंभीरता से लेता है और इसके खिलाफ क्या कार्यवाही करता है ताकि आने वाले समय में सभी स्कूल दोबारा ऐसी गलती करने के लिए न सोचें और पूरी जांच पड़ताल के बाद ही ड्राइवर को नौकरी पर रखा जाए .