Home Breaking News सात फेरो से बंधा ये अनोखा बंधन ; भारतीय रीति-रिवाज से कराई कुत्तों की शादी
सात फेरो से बंधा ये अनोखा बंधन ; भारतीय रीति-रिवाज से कराई कुत्तों की शादी
Nov 14, 2022
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
गुरुग्राम के एक कपल ने पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों से अपने पालतू कुत्ते की शादी पड़ोस के कुत्ते से करा दी। शेरू और स्वीटी की शादी में कपल के निमंत्रण पर करीब 100 लोग बारात में शामिल हुए। आंखों में काजल लगाए स्वीटी ने लाल लहंगा पहना हुआ था। दोनों के सात फेरे भी कराये गए। कपल का कहना है कि उन्होंने स्वीटी और शेरू को कभी कुत्ता (पालतू जानवर) नहीं समझा। बात करते हुए स्वीटी की मालकिन काफी भावुक भी नजर आई। वो कहती हैं कि वे उन्हें अपने बच्चे की तरह ट्रीट करते हैं। क्योंकि, उनकी कोई संतान नहीं है इसलिए अपने पालतू जानवरों की शादी करवाकर उन्हें बहुत खुशी मिल रही है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
शेरू (नर कुत्ता) और स्वीटी (मादा कुत्ता) के मालिकों ने भारतीय परंपराओं के तहत दोनों की शादी कराई। पालतू जानवरों के मालिकों के अनुसार, शादी के लिए 100 निमंत्रण पत्र पालम विहार एक्सटेंशन के जिले सिंह कॉलोनी के पड़ोस में भेजे गए थे, क्योंकि वे विवाह समारोह में ‘बाराती’ के रूप में शामिल हुए थे। स्वीटी नाम की एक मादा कुत्ते की संरक्षक सविता उर्फ रानी ने कहा, “मैं एक पालतू जानवर प्रेमी हूं। मेरे कोई बच्चा नहीं है, इसलिए स्वीटी हमारी बच्ची है। मेरी पति मंदिर जाते थे और जानवरों को खाना देते थे। एक दिन एक आवारा कुत्ता उनके पीछे आया और 3 साल पहले हमारे पास आई। हमने उसका नाम स्वीटी रखा। सब कहते थे कि हमें स्वीटी की शादी कर लेनी चाहिए। हमने इस पर चर्चा की और फिर यह कार्यक्रम महज चार दिनों में तैयार किया गया। हमने सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हुए शादी कराई।”
शादी को छपवाए 25 कार्ड, बाकी को ऑनलाइन निमंत्रण:
सविता कहती हैं कि दोनों कुत्तों के लिए हल्दी जैसे समारोह भी किए गए थे। उधर, नर कुत्ते शेरू की मालिक मनिता ने कहा, “हम पिछले आठ सालों से शेरू के साथ हैं। हमने हमेशा उसे अपने बच्चे की तरह माना है। हमने अपने पड़ोसियों से अपने कुत्तों की शादी के बारे में चर्चा की लेकिन फिर हम अचानक इसे लेकर सीरीयस हो गए और शादी को तैयार हुए।” मनिता ने कहा, “हमने करीब 100 लोगों को आमंत्रित किया। हमने 25 कार्ड छपवाए और बाकी ऑनलाइन निमंत्रण था।