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सेक्स की सेक्सी पाठशाला में स्वागत है आपका ,
Nov 27, 2022
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आप चाहे जिस थ्योरी में यक़ीन रखती हों, लेकिन सेक्स ऐसा विषय है, जिसमें हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने की गुंजाइश बनी ही रहती है. इसके इतिहास से लेकर गणित तक, सेक्स की पाठशाला में बहुत कुछ है जानने के लिए.
योनी मसाज:
वजाइना को संस्कृत में योनि कहा जाता है. योनि मसाज की प्रथा भी प्राचीन काल से चली आ रही है. उस समय एक राजा की कई रानियां होती थीं और वह सभी को संतुष्ट नहीं कर पाता था. अत: कुछ नौकरों और किन्नरों को योनि मसाज का काम दिया जाता था. आजकल सेक्स से संबंधित कई समस्याओं, जैसे-सेक्स संबंधी अवरोध आदि के लिए सेक्स थेरैपिस्ट योनि मसाज का इस्तेमाल करते हैं.
पशुओं से सेक्स:
यदि आपको लगता है कि पशुओं के साथ सेक्स की सोच एक मानसिक विकार है तो 950 से 1050 ई. के बीच चंदेल राजाओं द्वारा खजुराहो में बनाए गए मंदिरों को देखिए. यहां बनाए गए वास्तुशिल्प में से 10 फ़ीसदी हस्तमैथुन या समलैंगिकता को प्रदर्शित करते हैं.
सेक्स गंभीर साहित्य बना:
वात्सयायन द्वारा सेक्स पर लिखी गई पुस्तक कामसूत्र दुनियाभर में सबसे ज़्यादा प्रसिद्घ है. इसमें 64 भावों के लिए सेक्स की 64 भंगिमाओं का उल्लेख किया गया है. पुराने समय में गुरुकुलों में सेक्स, शिक्षा का अनिवार्य विषय था. पहली से छठवीं शताब्दी के बीच कई विद्वानों ने सेक्स के विषय में जानकारी का संकलन किया, लेकिन इसे अंतिम स्वरूप वात्सयायन ने दिया.
– सेक्स की बायोलॉजी की क्लास
स्त्री और पुरुष दोनों के कामोत्तेजक अंग समान होते हैं:
महिला हो या पुरुष, बालों में धीरे-धीरे उंगलियां फिराना दोनों ही पसंद करते हैं, क्योंकि ऐसा करने पर एन्डॉर्फि़न हार्मोन रिलीज़ होता है, जिससे ख़ुशी का एहसास होता है. होंठों पर होंठों का स्पर्श आप दोनों में जबरदस्त जोश पैदा करता है, क्योंकि इस स्पर्श से ऑक्सिटोसिन नामक ‘ख़ुशनुमा’ हार्मोन रिलीज़ होता है.
सिर्फ़ नाम ही काफ़ी है:
सेक्स के दौरान पुरुषों के एरिओले और स्त्रियों के ब्रेस्ट्स का स्पर्श दोनों को ही आनंद देता है. क्या आप जानती हैं कि एरिओले के आसपास का हिस्सा भी बहुत संवेदनशील होता है और उसका स्पर्श भी पुरुषों को सुख देता है. इसी तरह महिलाओं के ब्रेस्ट्स के आसपास का हिस्सा भी संवेदनशील होता है. इनके बारे में और क्या कहा जाए, इनका तो नाम ही काफ़ी है.
वो कोमल हिस्से:
जांघों का अंदरूनी और घुटनों के पीछे वाले भाग बहुत संवेदनशील होता है. इन हिस्सों की त्वचा इतनी नाज़ुक होती है कि इन्हें स्पर्श करते ही दिमाग़ को सूचना मिल जाती है. इन जगहों पर हल्का-सा स्पर्श ही मूड को रूमानी बना देता है. तो इन हिस्सों पर स्पर्श करना न भूलें.
इन्हें भी नज़रअंदाज़ न करें:
हाथ, पैर और कान शरीर के ऐसे अंग हैं, जहां रक्त-नलिकाओं का अंत होता है. यहां प्यार भरी छुअन कामोत्तेजना को बढ़ा देती है. अरे हां! उत्तेजना बढ़ानी हो तो कलाई और बगलों को तो नज़रअंदाज़ किया ही नहीं जा सकता.
जन्मपत्री मिलाने की ज़रूरत है क्या?
मनुष्य की मूल सोच गुफ़ा मानव की तरह ही है. जब भी शादी की बात आती है तो पुरुष सुंदर चेहरा, सुडौल वक्ष और आकर्षक फ़िगर को तरजीह देते हैं, वहीं महिलाएं अपने साथी में मज़बूत शरीर, चौड़े कंधे और अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती हैं. स्त्री-पुरुष दोनों ही चाहते हैं कि उनका साथी बुद्धिमान और जीविका के साधन जुटाने में सक्षम हो. यह जानकर क्या आपको नहीं लगता कि शादी के लिए जन्मपत्री मिलाना ग़ैरज़रूरी है.