ताजमहल को शिफ्ट करने की हो रही तैयारी, लेकिन क्यों और कहाँ

Taj_Mahal

 

आगरा की ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है | ताजमहल दुनिया के सातवें अजूबों में शुमार हैं। मोहब्बत की निशानी की वजह से मशहूर ताजमहल को लोग देश-विदेश से खास तौर पर देखने आते हैं। शाहजहां और मुमताज की बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताजमहल ने उत्तर प्रदेश के आगरा शहर को विश्व पटल पर एक पहचान दी है |

 

लेकिन ऐसी चर्चा है कि आगरा की ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है | अब सवाल यह उठता है कि दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल जैसी बड़ी इमारत को शिफ्ट करना क्या सच में मुमकिन है? बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र में ऐसा प्रयोग करीब आधी सदी पहले किया जा चुका है। वो भी मशीनों से नहीं बल्कि इंसानों के जरिए, और वो प्रयोग सफल भी रहा था।

 

यहां तीन हजार साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर को उठाकर दूसरी जगह ले जाकर उसी रूप में फिर से स्थापित कर दिया गया था। मिस्र के इस मंदिर का नाम अबु सिम्बल है, जिसे प्राचीन घाटी नुबियन में पहाड़ काटकर बनाया गया था। इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर रखा है। इस मंदिर का निर्माण फराओ (राजा) रैमसेस ने करवाया था। मंदिर की छत से लेकर फर्श तक… फराओ को मिली कामयाबी के किस्से उकेरे गए हैं।

 

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के ताजमहल को यमुना के बाएं ओर शिफ्ट करने की बात हो रही है । लेकिन हम आपको बता दें कि मिस्र में इस प्रकार के कारनामों को बरसों पहले किया जा चुका है। मिस्र के पास कोई बहुत विशेष प्रकार की तकनीक मौजूद नहीं थी। मिस्र ने 3 हजार साल पुरानी अपनी ऐतिहासिक इमारत को इंसानों की मदद से हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया था |

 

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के ताजमहल की भांति ही मिस्र का अबु सिंबल मंदिर दक्षिण मिस्र की प्राचीन घाटी नूबियन में पहाड़ काटकर बनाया गया है। बताया जाता है कि मिस्र के इस विशाल अबु सिंबल मंदिर के पास से गुजरने वाली नील नदी से जुड़ी एक झील के पास बांध का निर्माण किया गया था। जिसकी वजह से अबु सिंबल मंदिर के जलाशय में समा जाने का खतरा मंडराने लगा था। यदि वियना हिस्टोरिक सेंटर, कंबोडिया के अंकोरवाट या यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट की तरह अबु सिंबल मंदिर को शिफ्ट नहीं किया गया होता। तो शायद यह विशाल एवं अद्भुत मंदिर नील नदी के पास से गुजरने वाली झील पर बनाए गए बांध से डूबकर खत्म हो चुका होता।