वित्त मंत्री पीयूष गोयल बैंकिंग सेक्टर में करेंगे सुधार, सार्वजनिक बैंकों को मिलेगी सरकारी मदद

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वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संकल्प जताया की , उन सभी 11 सरकारी बैंकों की मदद करेगी, जो रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वाचलिस्ट में हैं। क्षेत्र को जल्द ही पटरी पर ला दिया जाएगा क्योंकि इन गड़बड़ियों का असर वास्तविक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है | केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के अस्वस्थ होने के कारण गोयल को कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गयी है. जेटली गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद अभी स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं |

 

गोयल ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंकिग उद्योग सुव्यवस्थित तरीके से वृद्धि करे.” उन्होंने कहा कि “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से उच्चतम स्तर की सुचिता एवं जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है.” गोयल को जेटली का करीबी माना जाता है | केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जेटली की सेहत में अच्छी तरह सुधार हो रहा है |कल मुझे उनसे बात करने और उनसे मार्गदर्शन लेने का अवसर मिला, उन्होंने कुछ मुद्दों के बारे में बताया और मैं उन्हीं को लेकर आगे बढ़ रहा हूं |

 

बैठक के बाद उन्होंने कहा, “हम इस उद्योग की सुव्यवस्थित रूप से वृद्धि सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों से उच्चतम स्तर की जांच और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है।” गोयल को जेटली का करीबी माना जाता है। अतिरिक्त भार मिलने पर कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। वह सारा काम रेल भवन से ही कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया, “जेटली की सेहत सुधार देखने को मिल रहा है। कल ही मैंने उनसे मुलाकात की है और उनकी सलाह ली। उन्होंने मुझे कुछ मामले दिये हैं जिनका मैं अनुसरण कर रहा हूं।”

 

 

इससे पहले गोयल ने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता डूबे कर्ज और घोटालों की मार झेल रहे घरेलू बैंकिंग क्षेत्र को जल्द ही पटरी पर लाने की होगी क्योंकि इन गड़बड़ियों का असर वास्तविक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंकिग उद्योग सुव्यवस्थित तरीके से वृद्धि करे।’ उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से उच्चतम स्तर की सुचिता और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है।’

 

विरासत से उनका मतलब यूपीए सरकार के दौरान अजीबोगीब तरीके से बांटे गए कर्जों से था। कई कंपनियों विशेषकर बिजली, इस्पात और दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियां ने बैंकों से कर्ज लिया और क्षेत्र से जुड़ी दिक्कतों और आर्थिक सुस्ती के कारण कर्ज चुकाने में नाकाम रहीं। गोयल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कुछ घोटाले सामने आए हैं , जिसने बैंकों की छवि धूमिल हुई और फंसे कर्ज की समस्या और बढ़ गई।